Let’s Inspire Bihar : चिंता नहीं चिंतन संघर्ष नहीं सहयोग की भावना जागृत करने से बदलेगा बिहार – विकास वैभव

बेगूसराय : चिंता नहीं चिंतन किजिये, संघर्ष नहीं सहयोग किजिये। आपस में मिलजुलकर छोटे-छोटे प्रयास से ही बिहार का नवनिर्माण संभव हो सकेगा। बिहार हमारे गौरवान्वित करनेवाले पूर्वजों की धरती है। उस कृति को पुनः स्थापित करना है। उपरोक्त बातें बिहार सरकार के गृह विभाग के विशेष सचिव सह लेट्स इंस्पायर बिहार के संस्थापक संरक्षक विकास वैभव ने कही।

विद्यार्थी के लिए केवल सरकारी नौकरियां ही सीमित नहीं है : जिले के छौड़ाही बाजार स्थित ज्ञानोदय ए कैरियर आँरियेण्टेड पब्लिक स्कुल के 14 वें वार्षिकोत्सव समारोह सह छात्र संवाद को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे विकास वैभव ने कहा की पढ़ लिखकर सरकारी नौकरियों तक ही समित नहीं नहीं रहें। व्यापक सोच लायें,समस्याएं बहुत हैं।चिंता से समाधान नहीं होगा,बल्कि चिंतन करना होगा।उन्होंने कहा कि गतिमान होकर अपनी उर्जा को पुरी साकारात्मकता के साथ शिक्षा समता और उधमिता में में लगायें। कोई भी अपने आप को दुर्बल नहीं समझें.दुर्बलता ही महापाप है।

सब लोग मिलजुल कर एक नई ऊर्जा लाए : उन्होंने कहा कि समाज का नुकसान जितना दुर्जनों के दुस्साहस से नहीं होता है,जितना सज्जनों के निष्क्रियता से हो रही है। बिहार में विश्व के पहले पजातंत्र की चर्चा करते हुये कहा कि जहाँ 7,707 लोग बैठकर गणाधिपति को चुनते थे।बैठकर आपसी विचारों से फैसले लेते थे।उन्होंने कहा कि आज जरूरी है उस परंपरा को कायम रखने की। उन्होंने कहा जाति पात धर्म भाषा लिंग में खंड खंड में बंटकर लड़ने के वजाय हम सब को मिलकर सही दिशा में उर्जा लगाने की जरूरत है।

ज्ञानोदय का यह प्रयास काबिलेतारीफ है : विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे डीडी न्यूज दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार राजेश राज ने कहा कि अभी भी ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्र में जिस तरह की शिक्षा मिलनी चाहिए वह नहीं हो पा रहा है।ऐसे में ज्ञानोदय का यह प्रयास काबिलेतारीफ है कि जहाँ सिमित संसाधन हैं।वहाँ टैंलेंटेड शिक्षा बच्चों को दे रहें हैं।उन्होंने विधालय प्रबंधन को अनुशासित व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्र में बनाये रखने के साथ मानदंड की कसौटी पर शिक्षा दिये जाने को मील का पत्थर साबित होने की बात कहीं।

जब भी हमारी जरूरत हो हम हमेशा खड़े रहेंगे : समारोह को संबोधित करते हुये डाँ मो.कमाल हुसैन ने कहा कि भले ही हम विदेश में सेवा दे रहे हो,लेकन अपनी मिट्टी पर इतने सुसभ्य शानदार अनुशासित विधालय को देखकर ना सिर्फ प्रसन्नता हो रही है,बल्कि अपने आप को हम सौभाग्यशाली और गौरवान्वित महसुस करते हैं कि जहाँ हमारा जन्म हुआ पले बढ़े और प्रारंभिक शिक्षा ली।वहाँ अब हमारे गाँव की पहचान एक नामचीन विधालय ज्ञानोदय से हो रही है।उन्होंने विधालय के निदेशक प्रधानाचार्य ओर प्रबंधन को अशवस्त किया कि जब कभी हमारी जरूर महसुस होगी।हम संपूर्ण सहयोग के लिये आपके साथ खड़े रहेंगें।

शिक्षा समता और उधमिता से बिहार का विकास संभव है : समारोह को संबोधित करते हुये बरिष्ठ समाजसेवी एवं लेट्स इंस्पायर बिहार बेगूसराय चैप्टर के जिला प्रभारी प्रभाकर कुमार राय ने कहा कि शिक्षा समता और उधमिता से बिहार का विकास हो सकता है।आईजी विकास वैभव जिस मुहिम कै लेकर चलें हैं उसी का परिणाम आज हम छौड़ाही के ज्ञानोदय में देख पा रहें हैं कि किस तरह से हमारे बच्चे अभिभावक छात्र-छात्रा नौजवान यहाँ उपस्थित होकर बिहार के विकास में योगदान देना चाहते हैं।उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा कि हमलोग इस वार्षिकोत्सव समारोह सह छात्र संवाद के जरिये आईये मिलकर प्रेरित करें बिहार का हिस्सा बने और शिक्षित समतामूलक ओर उधमिता के रास्ते पर चलकर गाँव समाज प्रदेश और राष्ट्र के नवनिर्माण में अपनी महती जिम्मेदारी को निभायें।