बेगूसराय : 80 हजार से अधिक आबादी पर एक भी हाई स्कूल नहीं, परेशान स्टूडेंट्स और पैरेंट्स ने शिक्षा मंत्री को भेजा पत्र

न्यूज़ डेस्क : 1961 से संचालित रेलवे इंटर काॅलेज गढ़हरा (Railway Inter College Garhara) को रेलवे बोर्ड के द्वारा इस वर्ष बंद कर दिए जाने से परेशान गढ़हरा के छात्र छात्राओं,अभिभावक एवं ग्रामीण आंदोलित हैं।चरणबद्ध आंदोलन के मद्देनजर समाज सेवा संघर्ष समिति गढ़हरा बेगूसराय ने रेलवे इंटर काॅलेज गढ़हरा बचाओ अभियान को लेकर एक बैठक का आयोजन किया।बैठक की अध्यक्षता करते एवं मीडिया को संबोधित करते हुए समिति के अध्यक्ष मुक्तेश्वर प्रसाद वर्मा ने कहा कि रेलवे इंटर कॉलेज गढ़हरा को बंद किये जाने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।

और रेल प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ राज्यपाल भवन,मुख्यमंत्री आवाज, जिलाधिकारी कार्यालय बेगूसराय के बाहर लोकतांत्रिक प्रकिया से विरोध प्रदर्शन करते हुए उनके द्वारा चरणबद्ध आंदोलन की रूप रेखा तय की जा चुकी है।हाल के दिनों में आंदोलन उग्र दिशा की ओर बढ़ता हुआ दिख रहा है।वहीं समिति संयोजक सुभाष चौधरी,उपाध्यक्ष मो दानिश महबूब,सेवानिवृत्त रेलकर्मी सुरेंद्र कुमार,कोषाध्यक्ष नितेश कुमार, प्रमोद सिंह,परमानंद राय,मोनाजिर अहसन आदि ने अपने वक्तव्य में केंद्र सरकार रेल मंत्रालय द्वारा बंद किये गए रेलवे इंटर काॅलेज गढ़हरा को बिहार सरकार के अधीनस्थ लेकर संचालित करने की मांग लगातार क्षेत्र के लोगों व सभी सामाजिक व राजनीतिक संगठन व व्यक्तियों द्वारा किया जा रहा है।

80 हजार से अधिक आबादी वाले गढ़हरा क्षेत्र में एक भी हाई स्कूल नहीं होने पर इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव और नवम वर्ग में प्रवेशोत्सव नहीं मनाए जाने पर चिंता जाहिर करते हुए सरकार के द्वारा उपेक्षित करने का आरोप लगाया।गढ़हरा के कुल 656 छात्र छात्राओं व 480 अभिभावकों के द्वारा हस्ताक्षरित याचना पत्र बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री के नाम भेजने की बात भी कही गई।साथ ही बच्चों के द्वारा लिखित पत्र में कहा गया कि गढ़हरा को आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के अवसर पर उच्च विद्यालय से वंचित किया गया। जिससे गढ़हरा परिक्षेत्र जिसकी आबादी 80 हजार से अधिक है के हजारों बच्चे एवं बच्चियों के साथ नौवीं कक्षा में कहां प्रवेश लें की समस्या बनीं हुई है।गढ़हरा में 1961ई से संचालित पूर्व मध्य रेलवे इंटर कॉलेज,गढ़हरा भू अधिग्रहण शर्ताधीन 25% स्थानीय बच्चे का नामांकन करवाती थी,यह बालिका के लिए सुगम एवं सुरक्षित विद्यालय था।यह विद्यालय सभी आधारभूत संरचना से परिपूर्ण एवं सुरक्षित है।

गढ़हरा का 50% भूभाग को रेलवे एवं 25% भू भाग को बिहार सरकार ने चार गंगा कटाव पीड़ित गांव को बसाकर अपने स्वामित्व में लिया। अब कोई नया उच्च विद्यालय खोलने के लिए गढ़हरा में भूमि नहीं है।पूर्व मध्य रेलवे इंटर कॉलेज गढ़हरा ही इस क्षेत्र के बच्चों की उच्चतर शिक्षा व्यवस्था का एकमात्र आधार है।रेलवे बोर्ड ने भी पूर्व मध्य रेलवे इंटर कॉलेज को बंद करने के क्रम में 9 सितंबर 2021 को अपने पत्र संख्या 970629 के माध्यम से कहा कि राज्य सरकार अपने नियंत्रण में लेकर स्थानीय एवं रेल कर्मचारी के बच्चों के लिए विद्यालय संचालित कर सकती है।

बिहार सरकार से स्थानीय संगठनों द्वारा बार-बार गुहार लगाए जाने के उपरांत इस विद्यालय को अपने नियंत्रण अब तक नहीं लिये जाने से क्षेत्रके लोगोंमें आक्रोश है।फलतः गढ़हरा बिहार का एकमात्र अजूबा क्षेत्र बन गया जहां दो उच्च विद्यालय स्थापित होना था,वह जगह एक उच्च विद्यालय से भी वंचित क्षेत्र बन गया है।गढ़हरा परिक्षेत्र के वासी अचंभित एवं व्यथित हैं।अभिभावकों ने कहा कि गढ़हरा के लोग भारत के नागरिक नहीं हैं और क्या इस क्षेत्र के बच्चों को उच्च विद्यालयी शिक्षा प्राप्ति का अधिकार नहीं है।

शिक्षा मंत्री का प्रवेशोत्सव गढ़हरा परिक्षेत्र के छात्र-छात्राओं के लिए नहीं है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली 2011 के विभिन्न अनुच्छेदों से प्राप्त लाभ के हकदार नहीं हैं।या गढ़हरा क्षेत्र के लोगों एवं उनके बच्चों से ऐसा कोई अक्षम्य अपराध हो गया या किसी राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार हो गई है जिससे उच्च विद्यालयी शिक्षा से वंचित किया जा रहा है।