खानदानी दुश्मनी : समसा में परंपरा निभाने में हुई मुखिया हेमा मौर्य की हत्या

बेगूसराय : कहावत है कि रिश्तेदारी और दुश्मनी पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ते रहती है रिश्तेदारी आगे बढ़े तो खुशी की बात होती है, लेकिन दुश्मनी आगे बढ़े तो गम की बात होती है लेकिन गमों का बोझ बढ़ता जाये तो दुश्मनी निभाने में शिद्दत से लोग लगे रहते है ये मानवीय प्रवृति हैं। जो लाइन अभी आपने पढ़ा उसका विस्तृत भाग बेगूसराय में समसा गांव में हुई हत्या से है महिला मुखिया हेमा मौर्य की हत्या की कहानी का पटकथा तीन पुस्त पुरानी है बस हर बार किरदार बदल जाते हैं

महुआ खा गयी बकरी से शुरू हुई लड़ाई और इंसान खाने लगे गोली .. कहानी पढ़ते रहिये

मुखिया के हत्या के आरोपी बमबम महतों के पिता और मुखिया के ससुर के बीच छोटी सी बात को लेकर शुरू हुई दुश्मनी नरसंघारक क्लाइमेक्स में बदल गयी। बम बम महतों के पिता स्वर्गीय होरिल महतों और मुखिया के ससुर स्वर्गीय साकेत महतों को एक महुआ का पेड़ था इस पेड़ से महुआ चुकर होरिल महतों के खेत में नीचे गिरता था। एक दिन होरिल महतों की बकरी कुछ महुआ खा गई थी । यहीं से दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हुई ।उसके बाद महाभारत का शंखनाद हुआ।

शुरू हुआ हत्या का सिलसिला आज तक नहीं थमा लगभग 100 हत्यायें हो चुकी है

साकेत महतो के पुत्र अबनी महतो ने बमबम महतों घर में घुस कर उसके पिता होरिल महतो और उसके चाचा की गोली मारकर हत्या कर दी। उसके बाद से समसा गांव के बगल में मोइन और फोरी में मछली माड़ने का ठेका की लडाई के अलावे समसा में लगभग ढाई सौ बीघा जमीन जोतने की लड़ाई में भी दोनों क पक्षों के बीच मर्डर करने का सिलसिला वर्षों से चलते हुए आ रहा है।

अवनी महतों के पिता स्वर्गीय साकेत महतो के द्वितीय पुत्र चुनचुन महतों की हत्या वर्ष 1997 में तुरकिया गांव में घर के भीतर से ही अपराधियों ने अपने राइफल की गोली से खिड़की से बाहर नाल निकालकर सीने म़े गोली मारकर हत्या चुन-चुन महतों का कर दिया था। उसके बाद अपराधी ने राजदेव महतो को भी उसी समय गोली मारकर खिड़की से अपराधी ने कर दी थी। चुनचुन महतों की हत्या करने की खबर समसा गांव के ग्रामीणों जैसे ही सुना वैसे ही गाँव से भाग रहे अपराधियों में से दो अपराधियों को घेड़कर पकड़ लिया और उसे पीट पीट कर मौत की घाट उतार दिया था।

बस से खींच कर गोली मारी और कर दी हत्या कंटीन्यूटी बना रहा हत्याकांड जारी रहा

इस घटना से पहले चुनचुन महतो ने नीमा चांदपुरा राजौड़ा पथ पर बस पर सवार होकर समसा गांव के कुख्यात अपराधी तुलसी महतो के बेगूसराय बस से जाने दौरान नीमा चांदपुरा रोड में उसे बस पर से बाहर खींचकर बाहर निकाला और उसे गोली मारकर हत्या कर दी । अवनी महतो की पत्नी मुखिया हेमा मौर्य के पति की भी हत्या चुनचुन महतों की हत्या होने के बाद वर्ष 2002 में पटना के एक किराए के मकान पर बड़े ही नाटकीय ढंग से अपराधियों ने गोली मारकर कर दी ।इस तरह से दोनों पक्षों के बीच हत्या का सिलसिला अभीतक रुकने का नाम नहीं ले रहा है ।

समसा पंचायत के मुखिया 2001 में स्वर्गीय साकेत महतों के बड़े पुत्र जय कृष्ण महतों पहले बने थे। असके बाद फिर जय कृष्ण महतों की पत्नी कृष्णा देवी बनी थी। तीसरी बार समसा पंचायत की मुखिया कुख्यात अपराधियों बमबम महतों की पत्नी अरुणा देवी बनी थी। उसके बाद से स्व० अवनी महतो की घर्म पत्नी लगातार दो टर्म से मुखिया समसा पंचायत की बनी। जिसकी हत्या शुक्रवार की शाम में लगभग 5:20 बजे में सरस्वती जी की प्रतिमा विर्सजन के दौड़ान बूढ़ी गंडक नदी के घाट पर अपराधियों ने गोली मारकर कर दी। इस हत्या पर समसा गाँव में कैसे विराम लगाया जा सकता है। यह कहना बड़ा मुश्किल है । इस हत्या के बाद फिर खूनी खेल हो सकती है। कुछ दिनों तक बमबम महतों और रंजित महतों के बीच हत्याकांड रुका हुआ था।

नावकोठी थाना की पुलिस ने मुखिया के हत्या होने के बाद शुक्रवार की रात में बेगूसराय सदर अस्पताल में उसके शव का पोस्टमार्टम कराकर मृतक के परिजनों को सौंप दिया ।

और समसा पंचायत की मुखिया हेमा मौर्य पंचतत्व में हो गयी विलीन

शनिवार के दिन में पुलिस भाड़ी सुरक्षा में सिमरिया गंगा तट पर समसा पंचायत की मुखिया हेमा मौर्य का अंतिम दाह संस्कार कर दिया गया है समाचार प्रेषण तक नावकोठी थाना में प्राथमिकी दर्ज अभी तक परिजनों के द्वारा नहीं कराया गया। शक के बुनियाद पर पुलिस एक व्यक्ति को उठाकर उससे पूछताछ कर रही है।