इस मांग को लेकर मिथिला विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष ने भारत सरकार के शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र

डेस्क : रविवार को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष आलोक कुमार ने भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ० रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर मिथिला विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा केन्द्र (सी० डी० ई०) को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के 4 बिन्दु पैमाने पर 3.26 अंक प्राप्त करने पर छुट देने का अनुरोध किया।

इस संदर्भ में छात्रसंघ अध्यक्ष ने निवेदनपूर्वक कहा कि भारत का राजपत्र असाधारण भाग-3- खण्ड 4, नई दिल्ली, शुक्रवार, जून 23, 2017 / आषाढ़ 2 , 1939 में प्रकाशित विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( ओ 0 डी 0 एल 0 ) अधिनियम , 2017 में दूरस्थ शिक्षा केन्द्र को 4 बिन्दु पैमाने पर 3.26 प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है। इस संदर्भ में विदित हो कि देश के पिछड़े एवं विकासशील राज्यों के पास इतनी क्षमता नहीं है कि 4.00 बिन्दु पैमाने पर 3.26 प्राप्त कर सके। बिहार भी विकासशील राज्यों में से है जहाँ छात्रों के अनुपात में विश्वविद्यालय में शिक्षक नहीं हैं, यहाँ तक कि पूर्व से स्वीकृत पदों पर भी शिक्षक नहीं हैं न ही इतनी संसाधन है।

अभी बहाली की प्रक्रिया चल रही है साथ ही यह भी विदित हो कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( ओ 0 डी 0 ए 0 ) अधिनियम 2017 में हाल में ही चौथा संशोधन हुआ है । परंतु उसमें भी पैमाना वही रखा गया है । बिहार किसानों का राज्य है यहाँ गरीब के बच्चे अधिक अध्ययन करते हैं । खास कर दूरस्थ शिक्षा केन्द्र में तो वैसे छात्र अधिक अध्ययनरत हैं , जो पढ़ाई छोड़ चुके हैं , या गृहणी हैं अथवा नौकरी – पेशा वाले लोग हैं । विदित हो कि दूरस्थ शिक्षा केन्द्र की स्थापना भी इसी की पूर्ति हेतु किया गया था । परंतु यदि पैमाना 4.00 में 3.26 लाना बरकरार रहेगा तो विकासशील / पिछड़े राज्यों में दूर – शिक्षा केन्द्र ( सी 0 डी 0 ई 0 ) बंद हो जायेंगे । अतः श्रीमान से विनम्र अनुरोध है कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ( नैक ) के 4 बिन्दु पैमाने पर 3.26 अंक को बाध्यता से बिहार एवं अन्य विकासशील / पिछड़े राज्यों को मुक्त किया जाय । उक्त पत्र की प्रतिलिपि दरभंगा के सांसद दरभंगा गोपाल जी ठाकुर को सूचनार्थ एवं उपरोक्त संदर्भ में शिक्षा मंत्री से अनुरोध के लिए भेजा गया