मंझौल मवेशी अस्पताल पहुंचे मंत्री मुकेश सहनी तो अस्पताल मिला ताला बंद, लोगों ने कहा बन गया है जुएबाजी का अड्डा

न्यूज डेस्क : बिहार सरकार के मत्स्य एवं पशुपालन विभाग के मंत्री मुकेश सहनी सोमवार की शाम वीरपुर जाने के क्रम में मंझौल में कुछ देर रुके । मंझौल पहुंचते ही एनडीए कार्यकर्ताओं के द्वारा स्वागत किया गया। स्वागत के दौरान उन्हें अनुमंडल मुख्यालय स्थित मवेशी अस्पताल मंझौल की बदहाली से अवगत करवाया गया । इस कड़ी में एनडीए कार्यकर्ताओं के कहने पर उन्होंने एसएच 55 के बगल में स्थित ए ग्रेड के मवेशी अस्पताल की वस्तुस्थिति से अवगत हुए। जिसके बाद वे जब अस्पताल की हालत को देखने तथा चिकित्सक से मिलने अस्पताल परिसर पहुँचे , तो चिकित्सक नदारद थे।

जिसके बाद वहाँ मौजूद लोगों से उन्होने चिकित्सक के अस्पताल आने के बारे में पूछा , तो लोगों ने बताया की डॉक्टर साहब कभी-कभी अस्पताल में दिखते हैं । मंत्री के अस्पताल पहुंचने समय अस्पताल में ताला बंद था । स्थानीय लोगों ने कहा कि यह मवेशी अस्पताल बदहाल हो गया है। लोगों ने आरोप लगाया कि चिकित्सकों उपस्थिति यदा कदा होती है। क्षेत्र के पशुपालकों को इस अस्पताल से किसी भी प्रकार की विशेष सुविधा नहीं मिल पा रही है। मौके पर मौजूद एनडीए नेताओं ने एक स्वर में कहा कि मवेशी अस्पताल खस्ताहाल में पहुंच गया है। स्थानीय अधिकारियों को इससे कोई लेना देना नहीं है। ग्रामीणों ने उनसे आग्रह किया कि इसकी हालत को सुधारा जाए , ताकि हम लोग अपने मवेशी का इलाज करवा सके। मंत्री ने ग्रामीणों से भी आग्रह किया कि आप लोग भी इस प्रकार की शिकायतें अनुमंडल पदाधिकारी से करें , ताकि आप लोगों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े । कहा कि जल्द ही इसके बेहतरी के लिए जरूर कदम उठाएंगे । मौके पर मण्डल अध्यक्ष मनोज भारती , रामप्रवेश सहनी , मेनन सिंह , वीआइपी नेता पारस सहनी आदि मौजूद थे ।

स्थानीय ग्रामीणों ने मंत्री को एक मांगपत्र सौंपा , की करवाई की मांग : ग्रामीणों ने मांगपत्र के माध्यम से मंत्री से कहा कि एक समय था जब मंझौल वेटरनरी अस्पताल बेगूसराय की शान हुआ करता था। एक बीघे में फैला यह पशु अस्पताल आज अपनी विरासत की याद दिलाती है। इसकी स्थापना 28 जनवरी 1955 को हुआ था । उद्घाटन तत्कालीन राज्यपाल जाकिर हुसैन साहब किए थे । तब दर्जनभर डॉक्टर और कंपाउंडर हुआ करते थे ।सीमेन तैयार होता था । आज यह अस्पताल जुए का अड्डा हो गया है।लोगों में अस्पताल के पुराने दिन लौटने की मांग की बात मांगपत्र में दुहराई ।