राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर गणित सप्ताह की शुरूआत

गणित कठिन नहीं रोचक विषय है जो रूचिकर बनकर पढ़ने-पढ़ाने की जरूरत है : शिक्षक बसंत कुमार

बखरी, बेगूसराय: राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर गणित सप्ताह की शुरूआत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, घाघड़ा में की गई। विश्व के महानतम भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की 133वीं जयंती पर सैकड़ों छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए शिक्षक वसंत कुमार ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के युग में गणित की महत्ता काफी अधिक है, इसलिए इस विषय को रूचिकर बनाकर पढ़ने व पढाने की आवश्यकता है।रामानुजन का जीवन हमें प्रेरणा देता है उच्चतम डिग्रियाँ नहीं प्राप्त करने के बावजूद भी आत्मविश्वास एवं कठिन परिश्रम से शिक्षा के क्षेत्र में प्रभावकारी कार्य किये जा सकते हैं।

हजारों प्रमेयों की खोज करने वाले रामानुजन को गणित से इतना लगाव था कि वह गणित में तो पूरे नंबर लाते थे, परंतु अन्य विषयों में फेल हो जाते थे।गणित शिक्षक सज्जन सदा व सुनील कुमार तथा तहज़ीब आलम ने कहा कि गणित कठिन नहीं, बल्कि सबसे रोचक विषय है।वहीं अभिनव पहल बखरी के द्वारा आयोजित गणित परिचर्चा में श्रीनिवास रामानुजन के साथ बिहार के विख्यात दिवंगत महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के योगदानों को याद किया गया।

अध्यक्ष प्रमोद केशरी व विश्वबंधु पुस्तकालय के पूर्व अध्यक्ष प्रेम किशन मन्नू ने कहा कि महानतम गणितज्ञों में शुमार वशिष्ट नारायण सिंह व श्रीनिवास रामानुजन ने गणित के क्षेत्र में अपने महान कामों के जरिए भारत का नाम पूरी दुनिया में रौशन किया।परंतु यह अफसोस की बात है कि गणित जैसे रोचक विषय में सबसे अधिक बच्चे फैल हो जाते हैं।

गणित शिक्षक प्रेम कुमार गांधी, रूपेश कुमार व जितेंद्र जिज्ञासु ने कहा कि श्रीनिवास रामानुजन व वशिष्ठ नारायण द्वारा किए गए काम गणित के क्षेत्र में विश्व के महानतम गणितज्ञ गॉस, यूलर, आर्कमिडीज, न्यूटन आदि से किसी भी प्रकार से कम नहीं थे। वे संख्याओं से ऐसे खेलते थे, जैसे बच्चे गेंद से खेलते हैं ।

कार्यसमिति सदस्य दीपक रजक, विनोद विमलेश, प्रमोद पंडित, मो0 साजिद, रंधीर तुलस्यान, मनीष गुप्ता ने भारत के अन्य महान गणितज्ञ वरामिहिर, वशिष्ट भास्कर प्रथम, सुपर 30 फेम आनंद एवं पूर्व डीजीपी अभयानंद के गणित के क्षेत्र में योगदान की चर्चा की।