बेगूसराय के कई लाल ने किया कमाल, बीपीएससी में कम्पीट कर बढ़ाया जिले का मान

न्यूज डेस्क : गुरुवार को बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने फाइनल रिजल्ट प्रकाशित कर दिया है, इस 65वीं बीपीएससी (BPSC) में रोहतास के गौरव सिंह टॉपर बने हैं, वहीं सेकेंड टॉपर चंदा भारती लड़कियों में टॉपर हैं। इस साल परीक्षा में कुल 423 कैंडिडेट का फाइनल सेलेक्शन हुआ है। लेकिन इसी बीच आप लोगों को बिहार के बेगूसराय के ज्योति के बारे में बताएंगे। जो अपनी मेहनत और लगन से इस बार को 65वी BPSC परीक्षा को क्रैक कर अपने मां-बाप समेत पूरे जिला का नाम रोशन कर दिया।

ज्योति को 363 वॉ रैंक मिला, बता दें कि जिले के कई छात्रों ने इस परीक्षा में अपना परचम लहराया है। जिसमें भगवानपुर प्रखण्ड निवासी किसान अशर्फी चौरसिया के पुत्र अमरजीत प्रसाद चौरसिया ने 65 वीं BPSC परीक्षा में 458 वी रैंक हासिल कर प्रखंड SC-ST कल्याण पदाधिकारी के रुप में चयनित होकर गांव के साथ-साथ समूचे जिले का मान बढ़ाया है। वही जिला मुख्यालय के रतनपुर के अनुशील कुमार ने भी 165 वीं रैंक हासिल की । इसके साथ ही भगवानपुर प्रखंड क्षेत्र के रघुनंदनपुर गांव निवासी शशिचंदन चौधरी ने भी 107 वां स्थान लाकर अपने गांव सहित जिले का नाम रोशन किया है , बता दें कि अनुशील ने दूसरी बार में अपने प्रयास से यह गौरव हासिल किया। बता दें कि परीक्षा का रिजल्ट आने से ज्योति के गांव में हर्ष का माहौल है, चारों तरफ मिठाइयां बांटी जा रही है, ज्योति मूल रूप से हाजीपुर गांव निवासी सेवानिवृत्त मलेरिया पदाधिकारी परमानंद सिंह की तीसरी पुत्री है। बताते चलें कि ज्योति कुमारी की प्राइमरी शिक्षा रांची से हुई। इसके बाद पटना साइंस कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद एनआईटी दुर्गापुर से बीटेक की। और बीटेक करने के बाद एक प्राइवेट कम्पनी में जॉब करने लगी।

जॉब लगने के बाद ज्योति के मन में कुछ आभास हुआ, मुझे लाइफ में कुछ और करना चाहिए। फिर उसने मन में ठान लिया किया मुझे यूपीएससी की तैयारी करना है। फिर क्या था उसने अपनी नौकरी छोड़ दी। और यूपीएससी तथा बीपीएस सी की परीक्षा में लीन हो गई। इतना ही नहीं वह अपनी पढ़ाई के खर्चा मां बाप से नहीं बल्कि थोड़े बहुत ट्यूशन पढ़ाकर जुटाने लगे, बरहाल हो की ज्योति के पति भी एक प्राइवेट शिक्षक के रूप में कार्य करते हैं। ज्योति के संबंधी इंजीनियर रविशंकर सिंह ने बताया कि ज्योति बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में कुशाग्र थी। वह अपनी प्रथम प्रयास में ही 65 वीं बीपीपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर डीएसपी रैंक प्राप्त की है। इन्होंने कहा कि 66वी बीपीएससी की मुख्य परीक्षा भी दी है।ज्योति कुमारी ने कहा कि दृढ़ इच्छाशक्ति से कठिन रास्ते भी आसान लगने लगता है।उनकी तैयारी अभी जारी है।

ज्योति बताती हैं “उनका लक्ष्य सिविल सेवा की परीक्षा में क्वालीफाई कर देश और राज्य की सेवा करना है। परिवार के सभी सदस्यों की ओर से लगातार हौसला अफजाई करते रहने के साथ साथ कड़ी मेहनत से यह सफलता उन्हें प्राप्त हुई है।उनके पिता बहुत ही संघर्ष पूर्ण जीवन जी कर चार बहनों को पढ़ाई कराई है। आज बड़ी बहन प्रियंका कुमारी सिंह शिक्षिका हैं वही छोटी बहन भी इंजीनियरिंग कर रही है।हाजीपुर के कमलकांत सिंह ने बताया कि वास्तव में बेटी की यह सफलता दो गांवों में खुशी लेकर आई है।इनसे लड़कियों को सीख लेनी चाहिए।