डेस्क : बेगूसराय में भगवान की मूर्ति चोरी की वारदात सामने आई है। चोरों ने रात के अंधेरे में एकसाथ कई कीमती मूर्तियों की चोरी कर ली। मामला जिले के छौड़ाही ओपी क्षेत्र का है। जहां श्री राम जानकी ठाकुरबाड़ी से अष्टधातु की मूर्ति चोरी होने की बात सामने आ रही है। मौके पर छौड़ाही पुलिस जांच में जुटी हुई है। ओपी क्षेत्र के अमारी गांव स्थित ठाकुरबाड़ी से भगवान की कई मूर्ति चोरी होने से इलाके में सनसनी फैल गयी है। ठाकुरबाड़ी के पास लोगों की भारी भीड़ जुटी हुई है। मिल रही जानकारी के मुताबिक श्री रामजानकी ठाकुरबाड़ी से शुक्रवार की रात श्री रामजानकी समेत किमती पौराणिक अष्टधातु की कई मुर्तियां चोरी कर ली गयी है।शनिवार सुबह पुजारी को जब इस बात का पता चला तो वे हक्का बक्का हो गए। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।मालूम हो कि आज से तीन वर्ष पहले नारायणपीपड़ एवं 10 वर्ष पहले सिहमा ठाकुरबारी से भी कीमती मूर्तियां चोरी हो गई थी। जो आज तक नहीं मिल सकी है।
और भगवान जी हो गए चोरी : अमारी निवासी धर्मकांत कुमार द्वारा छौराही ओपी में भगवान जी की चोरी के संबंधित मामला दर्ज कराया गया है। धर्मकांत कुमार का कहना है कि शुक्रवार की देर रात पूजा पाठ कर भगवान को भोग लगा मंदिर का पट बंद कर पुजारी रामबालक दास बगल में ही सो गए थे। शनिवार सुबह जब लोग आरती भोग लगाने ठाकुरबारी पहुंचे तो पुजारी नींद से सोए हुए थे। वहीं मंदिर का दरवाजा खुला हुआ था। लोगों ने देखा कि भगवान श्री राम, माता जानकी एवं लक्ष्मण भगवान अपने सिंहासन से गायब हैं।
वहां मौजूद पुजारी ने बताया कि उन्हें सुबह ग्रामीण जगाए तक जगे। रात में क्या हुआ पता नहीं। गेट पर ताला नहीं लगाने के संबंध में पुजारी ने कोई जवाब नहीं दिया। ग्रामीणों ने भगवान जी के चोरी हो जाने की जानकारी छौड़ाही पुलिस को दी। छौड़ाही ओपी अध्यक्ष घटनास्थल पहुंचे तो ठाकुरबारी के पीछे सुनसान जगह पर चोरी गया एक अष्टधातु निर्मित धनुष फेंका मिला। वहीं तीनों मूर्तियां एवं स्वर्ण आभूषण का पता पुलिस समाचार प्रेषण तक नहीं लगा पाई है। ग्रामीणों ने बताया कि तीनों मूर्ति 25-25 किलो यानी 75 किलो अष्टधातु से निर्मित थी। यह पौराणिक मूर्तियां थी जिन्हें बाहर से लाकर 1962 में ठाकुरबारी मे स्थापित किया गया था। जिसकी कीमत एक करोड़ रुपये के बराबर है।तीनो मूर्ति में सोना और चांदी का वजनी चेन, दो चांदी का तीर, हाथ पैर में काड़ा समेत लाखों का आभूषण भी था। बताया कि पांच कट्ठा में ठाकुरबारी है। वहीं ठाकुरबारी के नाम से छह एकड़ अन्य जमीन भी है। जिससे ठाकुरबारी का संचालन होता है।