छोटी बहन की शादी में घर आने वाले थे लेफ्टिनेंट ऋषि , 23 साल की उम्र में हुए शहीद

न्यूज डेस्क: भारत-पाकिस्तान के बीच स्थित लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) के पास शनिवार को हुए विस्फोट (Blast Near LOC) में बेगूसराय के लाल लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार शहीद हो गए। मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, ब्लास्ट जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के नौशेरा के कलाल इलाके में पेट्रोलिंग के दौरान हुआ। सूत्रों के अनुसार इसे माइन ब्लास्ट माना जा रहा है।

सूचना मिलते ही परिवार में मातम बताते चलें कि जैसे इस घटना की सूचना ऋषि के परिवार वालों को मिली पूरे परिवार में मातम सा छा गया। ऋषि बेगूसराय जिला मुख्यालय के प्रोफेसर कॉलोनी निवासी राजीव रंजन के पुत्र थे। एक साल पहले सेना जॉइन की थी। मूलतः लखीसराय के पिपरिया के निवासी थे। कई सालों पूर्व से ही GD कॉलेज के समीप पिपरा रोड में घर बना कर रह रहे थे। दादा के रिफाइनरी में कार्यरत रहने के कारण यहीं बस गए थे। बता दे की ऋषि का पार्थिव शरीर रविवार दोपहर तक बेगूसराय पहुंचने की संभावना है।

बोला था- बहन की शादी में छुट्टी लेकर आ रहा हूं: बता दे की ऋषि के पिता ने कहा 4 दिन पहले ही मां से बात की थी। और कहा था, बहन की शादी में छुट्टी लेकर आ रहा हूं। इकलौते पुत्र के शहीद होने की खबर के बाद से ही पूरा परिवार बेहाल है। ऋषि अपने दो बहनों के इकलौते भाई और पिता के दो भाइयों में इकलौते चिराग थे। परिजनों ने बताया कि हम सभी ऋषि के छोटी बहन की 29 नवंबर को होने वाली शादी की तैयारी कर रहे थे। 22 नवंबर को ऋषि बहन की शादी में शामिल होने के लिए आने वाले थे।

एक माह पहले हुई थी जम्मू कश्मीर में पोस्टिंग: बता दें कि लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार एनडीए परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सेना में नौकरी पाई थी। 3 साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद सेना में दाखिल हुए थे। परिजन से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में ऋषि कुमार उम्र महज 23 साल की थी। इतने ही कम उम्र में उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया था। पिछले एक महीने पहले ही उनको जम्मू-कश्मीर में पोस्टिंग हुई थी। परिवार के सदस्यों के अनुसार वह बचपन से ही मेधावी छात्र थे। उनके पिता राजीव रंजन बेगूसराय में ही लकड़ी का व्यवसाय करते हैं, जबकि उनकी माता सविता देवी गृहिणी है।

Rishi Ranjan Begusarai Indian Army

मां और बहन का रो-रो कर बुरा हाल है: बता दें कि जैसे ही लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार के शहीद होने की खबर परिवार तक पहुंची, पूरे परिवार में कोहराम समझ गया, खासकर, उनकी बहन और मां का रो रो कर बुरा हाल है। इस तरह रोता देख आसपास के लोग भी अपने आंसू को नहीं रोक सक रहे है। बिलाप मां लगातार एक ही रट लगाई हुई है। “इकलौता दीपक बुझ गेलै हो, आब के आयग देतय हो बाबू” उनके पिता राजीव रंजन सिंह एकलौते पुत्र के खोने के गम में बेसुध दिखे। इस दौरान ऋषि के शहीद होने की जानकारी जैसे ही मोहल्लेवालों मिली सभी स्तब्ध हो गए। सभी लोग भागे-भागे शहीद लेफ्टिनेंट के घर पहुंचे और पीड़ित परिजनों को सांत्वना दी।

गस्ती के दौरान हुआ था ब्लास्ट: घटना के संबंध में बताया जा रहा है, ऋषि शनिवार की शाम अपने टीम के साथ बॉर्डर इलाके सुंदरवन सेक्टर के रजौरी नौशेरा में गश्त कर रहे थे। इसी दौरान शाम करीब छह बजे विस्फोट में ऋषि समेत दो अधिकारियों की मौत हो गई। कई गंभीर रूप से घायल हो गए। कंपनी कमांडर ने शनिवार की देर शाम करीब 7:30 बजे पिता को फोन पर घटना की सूचना दी। सूचना के अनुसार सेना की टीम घटना के कारणों की जांच कर रही है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि आईईडी विस्फोट था या माइंस विस्फोट।