बिहार की तरफ तेजी से बढ़ रहा टिड्डी दल, किसान अलर्ट

डेस्क : देश में कोरोना वायरस का कहर तो जारी था ही परंतु अब उस पर चार चांद लगाने आ गया है टिडियो का दल। पाकिस्तान से आई टीडी दल ने देश के 4 राज्यों को घेर लिया है। जिसमें सबसे पहले स्थान पर है राजस्थान उसके बाद गुजरात फिर मध्यप्रदेश और उसके बाद उत्तर प्रदेश है। अब इन टिड्डियों ने बिहार की तरफ रुख कर लिया है। कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पहली बार टिड्डी दलों के उत्तर बिहार में प्रवेश करने की शंका जताई जा रही है। इस समय पर उत्तर प्रदेश में टिड्डी दो समूहों में बांट दी गई है एक समूह यूपी के 12 जिलों में पहले फसलों को नुकसान के साथ-साथ भारी तबाही पहुंचा रहा है और इसी के साथ वह काफी तेजी से बिहार की ओर भी बढ़ रहा है। राजस्थान और यूपी में फसलों की भारी बर्बादी से उत्तर बिहार के आम, मक्का, लीची एवं सब्जी उगाने वाले किसानों की बेचैनी बढ़ चुकी है। राज्य सरकार ने इससे निपटने की तैयारी में कृषि कार्यालय से मार्गदर्शन की मांग करी है।

आपको बता दें कि वरीय वैज्ञानिक, कार्यक्रम समन्वयक अनुपमा कुमारी के हिसाब से उत्तर बिहार में अभी तक कभी भी टिड्डियों का आक्रमण नहीं हुआ था। परंतु इस बार या आशंका जताई जा रही है कि टिड्डी बिहार में जरूर प्रवेश कर सकती है। आपको बता दें कि यह टिड्डियाँ किसी भी पौधे पेड़ मक्का सब्जी व अन्य किसी भी फसल पर बैठ जाती हैं और उसे खा जाते हैं उसके हटते ही फसल सूखने लगती है और फसल बुरी तरीके से नष्ट हो जाती है। अगर इसी तरीके से चलता रहा तो आम लीची मक्का सब्जी जैसी फसलों को काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है क्योंकि पूरे विश्व भर में 10,000 से ज्यादा प्रजातियां हैं आपको बता दें कि अभी जो टिड्डियों का झुण्ड इसमें आया है वह सबसे खतरनाक है इसे रेगिस्तान प्रजाति कहा जाता है यह अफ़्रीका में पाई जाती है।

आपको बता दें कि इस साल बारिश काफी अच्छी हुई है जिस वजह से काफी सारे जिलों में नमी बनी हुई है इसी के कारण अब टिड्डियाँ बिहार में प्रवेश कर सकते हैं क्योंकि उनको नमी वाली जगह काफी ज्यादा पसंद होती है। साथ ही साथ उनकी उड़ने की रफ्तार डेढ़ सौ से 200 किलोमीटर हर 12 घंटे में होती है। यह रात में आगे नहीं बढ़ती है और शाम में सभी पेड़ पौधों का फसलों को एकत्र करके आराम करती हैं।

कैसे बचें टिड्डियों के प्रभाव से : अगर टिड्डियों के प्रभाव से बचना चाहते हैं तो कृषि वैज्ञानिक के अनुसार टिड्डी झुंड बनाकर हजारों की संख्या में आगे बढ़ती हैं। यह किसानों को तय करना होगा कि जब यह रात में आराम कर रही होती हैं तो क्लोरोपायरी फ़ोर्स कीटनाशक का छिड़काव करके उनको रोका जा सकता है पारंपरिक तरीका जैसे थाली ढोल बजाया जाए और तरह-तरह की आवाजें निकाली जाए, तब भी टिड्डियाँ भाग सकती हैं।