हनुमान जी की तरह मानवीय शरीर में मौजूद है असीम शक्ति, कोरोना को हर कोई दे सकता है मात

न्यूज डेस्क : कोरोनाकाल के इस कालखंड में लोगों को धैर्य हिम्मत साहस और सावधानी से रहना होगा । दरअसल कई बार ऐसा देखा गया है और इस बात के वैज्ञानिक प्रमाण भी हैं कि लोग किसी भी चीज को लेकर जब घबराहट में होते हैं तो वह उनके अंदर और भी डर और भय के संचार को बढ़ावा देता है। जिससे मानवीय प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर हो जाता है। इन परिस्थितियों में सबसे पहले समस्या से निपटने के लिए मानसिक तौर पर मजबूत होना होगा।

हमारी टीम ने फार्मा सेक्टर के विशेषज्ञ और यूपी के गोंडा में फार्मा कॉलेज में हेड ऑफ डिपार्टमेंट विवेक कुमार सिंह से बात किया । दरअसल विवेक सिंह बेगूसराय के नौला गाँव निवासी हैं। और वे अभी यूपी में कार्यरत हैं। उन्होंने हमारी टीम को बताया की कोरोना के इस जंग में हमें अपने आत्मबल सावधानी चिकित्सकीय परामर्श के साथ-साथ व्यायाम करके उससे जीत सकते हैं। इस टेलिफोनिक इंटरव्यू में हमारी टीम ने उनसे कुछ महत्वपूर्ण सवाल पूछे और उन्होंने उसका आंसर दिया है। यह आप सभी लोगों को जानना जरूरी है ।

क्या है कोरोना वायरस ? कोरोनावायरस का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से हैं । जिसके संक्रमण से जुकाम और सांस लेने की तकलीफ जैसी समस्याएं होती है। इस वायरस के संक्रमण की शुरुआत दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से हुई थी ।

क्या है बीमारी के लक्षण ? इस बीमारी के लक्षण सामान्य बुखार से मिलते जुलते हैं , संक्रमित व्यक्ति को सर्दी जुकाम बुखार सांस लेने में तकलीफ नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती है।

यह किसके लिए घातक है ? सामान्यतः कोरोनावायरस सभी लोगों के लिए घातक है। परंतु खास तौर पर अधिक उम्र के वैसे लोग जिन्हें अस्थमा, डायबिटीज , हर्ट की बीमारी , किडनी की बीमारी , लिवर की बीमारी या ऑटो इम्म्यूनो बीमारी है। उनके लिए घातक सिद्ध हो रहा है ।

क्या है इस वायरस से बचाव के उपाय ? सरकार के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करना होगा । जैसे मास्क लगाना , साबुन से हाथ धोना कोई भी लक्षण मिलने पर जाकर तुरंत जांच कराना , अगर शुरुआती दौर में जांच करा लिया जाता है तो स्वस्थ होने की संभावना प्रबल होती है।

दवाई और इंजेक्शन का शरीर पर क्या प्रभाव होता है ? सभी रोगों से लड़ने की ताकत मानवीय शरीर में पहले से मौजूद होती है, दवाई बस मानवीय शरीर को उस ताकत की याद दिलाती है। ठीक वैसे ही जैसे हनुमान जी के पास असीम शक्ति थी , परन्तु उनको याद दिलाने के बाद उन्हें अपनी शक्ति याद आती थी।

अंत में उन्होंने अपने निजी विचार साझा करते हुए ये कहा उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि अगर किन्हीं व्यक्ति में कोरोनावायरस का कोई भी लक्षण दिखे तो उनको तुरंत जांच करना चाहिए और अपने आप को आइसोलेट कर लेना चाहिए । परंतु उन्हें डरने की कोई भी आवश्यकता नहीं है, उन्होंने कहा कि अभी भी ऐसे बहुत से ऐसे कैस देखे जा रहे हैं जिनमें लोगों को ऐसा लगता है कि कोरोनावायरस से अगर हम संक्रमित हो गए हैं तो हमारी मृत्यु हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है सही समय से जांच कराने के बाद चिकित्सक परामर्श के साथ दवा और अन्य भी जो बचाव के उपाय हैं किए गए तो ठीक होने की संभावना बढती है। और यह अधिकांश मात्रा में होती है। परंतु अगर आप डर गए तो आपके इम्यूनिटी पर इसका असर पड़ता है, इम्यूनिटी आपकी सोच और चिंता की वजह से कमजोर होना शुरू हो जाता है । अगर कोई आइसोलेशन में है तो लोगों को चाहिए कि भजन सुने , गीत सुने , व्यायाम करें, किताबें पढ़नी चाहिए, सकारात्मक सोच रखनी चाहिए और चिकित्सकीय परामर्श लेनी चाहिए और अधिकांश लोग इसके जंग जीत भी जाते है। लोगों को निडर और साहसी बनने की आवश्यकता है , तभी कोरोना से जंग जीता जा सकता है।