बेगूसराय के लाल सुधांशु रंजन बने दूरदर्शन कोलकाता के अपर महानिदेशक, राजेश राज ने जो लिखा पढ़कर आप भी भावुक हो जाएंगे

डेस्क : बेगूसराय के लाल दूरदर्शन के वरिष्ठ पत्रकार सुधांशु रंजन को दूरदर्शन कोलकाता जोन का अपर महानिदेशक बनाया गया है। बेगूसराय को गौरवान्वित करने बाले इस कालखण्ड के सफर को तय करने में श्री रंजन के कदम तनिक भी ना डगमगाये , इस वाकया को दिल्ली दूरदर्शन के पत्रकार राजेश राज ने भावुक करने बाले वाक्यों को अपने शब्दों से पिरोया है। आपको बता दें राजेश राज भी मूलतः बेगूसराय के मंझौल निवासी हैं। आइये क्या कुछ उन्होंने लिखा है पढा जाये

हम सबों की आन बान शान और आज के ज़माने में ईमानदारी की प्रतिमूर्ति बड़े भाई आदरणीय सुधांशु रंजन जी का संघर्ष रंग लाया। लंबी और बोझिल न्यायिक प्रक्रिया के संघर्षों से बिना बिचलित हुए अपनी विजय की पटकथा स्वयं लिखने वाले सुधांशु रंजन को दूरदर्शन का अपर महानिदेशक बनाया गया है। माननीय न्यायालय के आदेश को सरज़मी पर उतारने के लिए भी सुधांशु रंजन जी को अथक प्रयास करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नही मानी। सुधांशु रंजन पहले ऐसे रिपोर्टर हैं,जिन्होंने पूरी सर्विस एक पद पर करते हुए एक रिपोर्टर से ADG तक का सफर तय किया है।

लोकनायक जयप्रकाश नारायण के बायोग्राफर सुधांशु रंजन को अनियमितता के खिलाफ हुंकार भरने के लिए विजयश्री मिली। नतीजा वह कोलकाता ज़ोन के अपर महानिदेशक बनाए गए हैं, जिसके अंतर्गत बिहार, झारखंड, ओडिशा और कोलकाता दूरदर्शन आते हैं। जुडोक्रेसी एन्ड ब्यूरोक्रेसी समेत अनेक पुस्तकों के लेखक सुधांशु रंजन को पटना दूरदर्शन में बेहतरीन रिपोर्टिंग के लिए ख्याति मिली। श्री रंजन ऐसे विरले रिपोर्टर हैं,जिन्होंने अपनी मेहनत,प्रतिभा और काबिलियत के भरोसे एक ब्यूरो में रहकर अपनी राष्ट्रीय पहचान बनाई। अभी हाल ही में ऑक्सफ़ोर्ड ने उनकी एक पुस्तक प्रकाशित की है,जो पत्रकारिता जगत के लिए बहुत गर्व की बात है।

कानून के ज्ञाता श्री रंजन की एक पुस्तक के विमोचन समारोह में तत्कालीन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर ने तत्कालीन लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार की मौजूदगी में सुधांशु रंजन को दूरदर्शन से सेवानिवृत्त होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने का आमंत्रण दिया था। उस समय मेरा सीना बहुत चौड़ा हो गया क्योंकि उस पुस्तक में सुधांशु रंजन ने न्यायिक व्यवस्था की विसंगतियों पर करारा हमला बोला था। इसके बावजूद अल्तमस कबीर ने उन्हें आमंत्रण दिया ,जो यह दिखाता है कि सुधांशु रंजन अपने कर्तव्य के प्रति कितने इमानदार और वफादार हैं।

अपने शो के दौरान पक्ष और प्रतिपक्ष की धज्जियां उड़ा देने वाले सुधांशु रंजन के बहस में हमेशा गहराई रही है और यही उनकी पूंजी भी है। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में एक बैठक में शामिल होने विज्ञान भवन आए नरेंद्र मोदी ने जब पहली ही मुलाकात में कहा कि सुधांशु ,मैं तुम्हें टीवी पर देखता हूं। बहुत गर्व की अनुभूति कराता है कि एक ऐसा पत्रकार जिसकी कभी नरेंद्र मोदी से मुलाकात ना हुई हो और मोदी जी उन्हें नाम लेकर पुकारते हों, यह पत्रकारिता धर्म के प्रति उनकी ईमानदारी का ईनाम है। सिर्फ नरेंद्र मोदी ही नही ,देश के आधा दर्जन पूर्व प्रधानमंत्री सुधांशु जी को व्यक्तिगत तौर पर जानते थे।

पटना दूरदर्शन से दिल्ली डीडी न्यूज़ तक के सफर में मुझे उनका सानिध्य मिला,उनके लोकप्रिय कार्यक्रम ” आमने – सामने ” के लिए भी मुझे उनके साथ कार्य का अनुभव रोमांचित करता है। संस्मरण इतने कि लिखने से जी नहीं भर रहा। अंत में ……. सुधांशु रंजन, दूरदर्शन समाचार, पटना ये सफल सूत्र वाक्य हैं,जिनकी बुनियाद पर ही सुधांशु रंजन सफलता के शिखर तक पहुंचे। डीडी न्यूज़ परिवार,पूरे बिहार और बेगूसराय की तरफ से बहुत बहुत बधाई।

दूरदर्शन के वरिष्ठ पत्रकार राजेश राज के फेसबुक वॉल से