बेगूसराय के लाल को मरणोपरांत मिला वीरता पुलिस पदक, डिजिटल दौर में 15 दिन बाद पत्र से माँ पिता को मिली जानकारी

बेगूसराय : शहादत के सम्मान में विगत 26 जनवरी को मिले वीरता पुलिस पदक की जानकारी करीब एक पखबारा बीतने के बाद पत्र के माध्यम से शहीद के स्वजन को मिली, पत्र को पाकर मां पिता दोनों पुत्र की याद में बरबस रुआंसा हुए जा रहे हैं। सरकारी तंत्र की उदासीनता के कारण डिजिटल क्रांति की इस दौर के दौर में शहीद के मरणोपरांत मिले इस सम्मान की जानकारी पत्राचार के माध्यम से दी गयी। पत्र पाकर शहीद की मां अपने शहीद पुत्र की याद में भाव विह्वल हो गयीं । माँ ममता की सागर में डूब गईं , उन्होंने कहा कि मेरा बेटा भारत माता की सेवा में वीरगति प्राप्त की लेकिन अपनी माँ को अकेला छोड़ गया।

शहीद के पिता ने कहा कि यह हमारे राज्य के लिए भी गर्व की बात है। अपने देश की सुरक्षा और सेवा में मेरा बेटा अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं की ऐसा बेटा मुझे हर जन्म में मिले। शहीद को मरणोपरांत मिले वीरता पदक से मंझौल के लोगों का सर फक्र से ऊंचा हो गया है। शहीद अमरेश के पिता उमेश सिंह ने बताया कि सेना में कार्यरत अमरेश के साथी ने 26 जनवरी के पूर्व ही अनऑफिशियल तौर से फोन कॉल करके वीरता पुलिस पदक लिए शहीद अमरेश के चयन की बात बताई थी। उन्होंने कहा कि उक्त जवान ने कहा कि हो सके तो आपको आधिकारिक तौर पर दिल्ली भी बुलाया जा सकता है। परन्तु किन्हीं कारणों से आधिकारिक जानकारी नहीं हो पायी थी।

अभूतपूर्व त्याग, सीमा सुरक्षा बल के हर सदस्य के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा: डीजी बीएसएफ बीएसएफ के डीजी राकेश अस्थाना के द्वारा शहीद अमरेश की माँ बिंदु देवी के नाम लिखा गया पत्र विगत शुक्रवार को मिली। उक्त पत्र में बीएसएफ के डीजी ने शहीद के माँ को लिखा कि आपके पुत्र स्वर्गीय श्री अमरेश कुमार को बहादुरी, अदम्य साहस और वीरता के लिए गणतंत्रता दिवस- 2021 के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति ने वीरता पुलिस पदक (मरणोपरान्त) से सम्मानित किया है।

स्वर्गीय श्री अमरेश कुमार ने देशभक्ति और सर्वोच्च बलिदान से न केवल अपना और अपने परिवार का नाम रोशन किया है, बल्कि सीमा सुरक्षा बल को भी गौरवान्वित किया है। इस अवसर पर मैं आपको तथा आपके परिवार के सभी सदस्यों को बधाई देता हूँ तथा साथ ही यह भी विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि आपके स्वर्गीय पुत्र का यह अभूतपूर्व त्याग, सीमा सुरक्षा बल के हर सदस्य के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। सीमा सुरक्षा बल का यह विशाल परिवार सदैव आपके साथ है ।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जोन में हुए मुठभेड़ में हुए थे शहीद : बताते चलें कि साल 2018 के मार्च महीने के सात तारीख को छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के संवेदनशील नक्सल प्रभावित जोन में बेगूसराय जिले के मंझौल पंचायत-एक निवासी उमेश सिंह के पुत्र सीमा सुरक्षा बल के आरक्षी पद पर सेवारत अमरेश कुमार नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए थे । अमरेश कुमार सीमा सुरक्षा बल 134 बटालियन के आरक्षी पद पर कार्यरत थे।

अनुमंडलाधिकारी को भी नहीं था पता : मंझौल के लाल शहीद अमरेश को मिले वीरता पुलिस पदक सम्मान के बारे में मंझौल अनुमंडलाधिकारी ई मुकेश कुमार को भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली थी। पूछने पर उन्होंने बताया कि मेरे स्तर से इस बात की कोई भी क्रियाकलाप नहीं हुई