जानिए आखिरकार क्यों नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का स्वागत करेगा एबीवीपी

डेस्क : आज एबीवीपी की एक बैठक नगर अध्यक्ष ऋषभ कुमार के पोखरिया स्थित शैक्षणिक प्रतिष्ठान पर किया गया। जिसमें नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर कैबिनेट की मुहर लगने पर खुशी व्यक्त किया गया। 34 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद आज भारत की राष्ट्रवादी सरकार के द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर कैबिनेट की मुहर लगी जिसे विद्यार्थी परिषद अपनी उपलब्धि मानते हुए खुशी जाहिर की है। एबीवीपी के पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अजीत चौधरी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत में मैकालेपन के समाप्ति का द्योतक होगा।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में वर्तमान शिक्षा प्रणाली के तमाम दुर्गुणों को खत्म कर भाषाई समस्याओं को सुलझाने का अद्भुत प्रयास किया गया है। जिला संयोजक कन्हैया कुमार ने कहा कि एबीवीपी कई वर्षों से शिक्षा में मूलभूत परिवर्तन के लिए आंदोलनरत रही है ।आज हमारे लिए खुशी का दिन है कि शिक्षा में राष्ट्रवाद के तत्वों का बीजारोपण हो रहा है । इस प्रकार की शिक्षा से ही संस्कार युक्त और रोजगार युक्त समाज का निर्माण संभव है। जीडी कॉलेज छात्र संघ अध्यक्ष पुरुषोत्तम कुमार ने कहा कि कस्तूरीरंगन समिति धन्यवाद का पात्र है क्योंकि आज भी भारत मैकाले के उस मायाजाल में फंसा है जहां रह कर भारतीय पद्धति से भारतीयता पूर्ण शिक्षा नहीं दी जा सकती। भारत में बच्चों की शिक्षा उसके मातृभाषा के साथ-साथ हिंदी को भी अनिवार्य बनाने की मुहिम का हम स्वागत करते हैं।

भाषाई एकता हमारी विविधता का परिचायक है। नगर सह मंत्री आदित्य राज एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य आजाद कुमार ने कहा कि यह शिक्षा नीति भारतीय शिक्षा इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। इसका प्रभाव आने वाले समय में अंग्रेजी से लेकर हिंदी माध्यम तथा प्राथमिक से लेकर उच्चतर स्तरीय शिक्षकों में परिलक्षित होगा। विश्वविद्यालय प्रतिनिधि अंशु कुमार व नगर कार्यकारिणी सदस्य राहुल कुमार ने भी इस अवसर पर सरकार एवं समिति से जुड़े शिक्षाविदों को धन्यवाद ज्ञापित किया।