जानिए क्या है रामसर साइट जिसमें शामिल होने से बहुरेंगे कावर झील पक्षी बिहार के दिन

बेगूसराय : कावर झील पक्षी बिहार का जितनी बड़ी ख्याति धरातल पर दुर्दशा का अनुपात भी उतना ही है । लगातार अधिकारियों व सरकारों की लगातार उपेक्षा से मृत प्राय हो जाने के बाद कावर झील पक्षी बिहार के सम्वर्द्धन की आश फिर एक बार जगी है। बुधवार को रास्ट्रीय पक्षी दिवस के अवसर पर बेगूसराय के मंझौल अनुमंडल मुख्यालय स्थित कावर झील पक्षी बिहार के लिए एक बड़ी खुशखबरी मिली है। इसे रामसर साइट का दर्जा दिया गया है।

इस बात की पुष्टि करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर ने अपने आधिकारिक ट्वीट हैंडल से ट्वीट कर बिहारवासियों को बधाई देते हुए लिखते हैं कि यह सूचित करने से प्रसन्नता है कि बिहार को अपना पहला रामसर साइट मिल गया है। बेगूसराय में काबरटाल, अंतर्राष्ट्रीय महत्व का वेटलैंड बन गया है। यह प्रवासी पक्षियों और जैव विविधता की आबादी के लिए मध्य एशियाई फ्लाईवे का एक महत्वपूर्ण वेटलैंड है। इसके साथ अब भारत में 39 रामसर साइट हैं। लोगों को जैसे ही यह खबर मिली एक दुसरे को बधाई देने लगे व केंद्रीय मंत्री के ट्वीट को बेगूसराय के लोगों ने खूब रिट्वीट किया ।

क्या है रामसर साइट , इसमे शामिल होने बाले वेटलैंड भूमि में ये सब होते हैं क्रियाकलाप : आद्रभूमियों, विशेषकर जलप्रवाही पशु पक्षियों के प्राकृतिक आवास के सम्वर्धन व संरक्षण के लिए 2 फरबरी 1971 में वेटलैंड्स पर ईरान के रामसर शहर ।के आयोजित हुई अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन रामसर कन्वेंशन के नाम से जाना जाता है। जिसमें यूनेस्को द्वारा स्थापित एक अंतर-सरकारी पर्यावरण संधि हुई । रामसर कन्वेंशन में लिए गए फैसले 1975 से लागू हुए जिसमें रामसर साइट एक वेटलैंड साइट है जो रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्व की है। भारत ने इस संधि पर 1982 में दस्तखत किए । बिहार के बेगूसराय स्थित कावर टाल के इसमें शामिल होने के बाद उनके संसाधनों के संरक्षण और बुद्धिमतापूर्ण उपयोग के लिये राष्ट्रीय कार्य और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का ढाँचा उपलब्ध कराया जायेगा ।

बेगूसराय के लाल प्रो राकेश सिन्हा ने उठाई थी कावर की बदहाली की मांग बदहाल काबर झील के विकास के लिए बेगूसराय के लाल राज्यसभा सांसद प्रो. राकेश सिन्हा ने 25 जुलाई 2019 को सदन में शून्यकाल के दौरान सवाल उठाया था। अब सालों बाद कावर झील में पानी जमा होने से अपने पुराने स्वरूप में कावर लौट आया है । प्रो सिन्हा का पहल देर सवेर रंग लाया है । जिसके बाद उन्होंने गुरुवार शाम रास प्रो राकेश सिन्हा ने अपने ट्वीट हैंडल से धन्यवाद ज्ञापित करते हुए लिखा है कि बेगूसराय के काबर झील में साइबेरिया से पक्षी आते रहे हैं।झील की उपेक्षा से पक्षियों का आना प्रायः बंद हो गया।मैंने राज्य सभा में 2 बार इस मुद्दे को उठाया। नरेंद्र मोदी सरकार ने झील को रामसर साईट बना दिया। बिहार का पहला ऐसा झील होगा।केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर जी को धन्यवाद ।