जानें बेगूसराय के सातों सीटों पर नये विधायक के जीतने का समीकरण, किस सीट पर गढ़ वापस हुआ किस सीट पर मिथक टूटा

डेस्क / बेगूसराय : बेगूसराय के सभी 7 सीटों पर इस बार नए विधायक चुने गए हैं हालांकि इन 7 विधायकों में से सिर्फ एक ही विधायक ऐसे हैं जो पहले भी विधायक चुने गए थे लेकिन इस बार नए सीट से चुनाव लड़ने के कारण जिले के सातों सीट को नया विधायक मिला है।

141 चेरिया बरियारपुर सीट से नये विधायक राजवंशी महतों चेरिया बरियारपुर से चुने गए नये विधायक राजद के राजवंशी महतो ने जदयू कैंडिडेट और पूर्व मंत्री मंजू वर्मा को 40000 से भी ज्यादा मतों के अंतर से करारी मात दी 2005 में हुए दो विधानसभा चुनाव में से एक विधानसभा चुनाव में राजवंशी महतो यहां से जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ चुके थे । लेकिन तब इनको तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था और उससे पहले यह 1999 के आसपास वाले समय में बलिया लोकसभा से सांसद चुने गए थे। और फिर 2020 के चुनाव में इन्होंने सालों बाद राजद को यहां से जीत दिला दी वह भी इतने अंतर से जिले में 7 सीटों में दूसरी सीट थी जहां जीत का अंतर बहुत ज्यादा था ।

142 बछवाड़ा सीट के नये विधायक सुरेंद्र मेहता आजादी के बाद बछवारा सीट पर भाजपा प्रत्याशियों को कभी जीत नहीं मिली थी कहा जाता है कि बछवारा में कमल खिलाने में कई बार परेशानियों का सामना हुआ लेकिन कमल खिलते खिलते रह जाता था । लेकिन साल 2020 के चुनाव में सुरेंद्र मेहता ने यहां से सीट तीन बार के विधायक रहे सीपीआई के अवधेश राय का नजदीकी मुकाबले में हराकर मिथक तोड़ दिया और यहां से भाजपा को जीत दिला दी। बताते चलें कि सुरेंद्र मेहता 2010 के चुनाव में बेगूसराय सदर सीट से विधायक चुने गए थे। इससे पहले उन्होंने 2005 के चुनाव में तेघड़ा सीट से चुनाव लड़ी थी जहां इनको हार मिली थी परंतु 2010 में इनको फिर से पार्टी ने बेगूसराय सदर सीट पर उतारा और उन्होंने यह सीट जीतकर पार्टी को पार्टी की झोली में डाल दी थी । जिसके बाद 2015 में भी यह बेगूसराय से चुनाव लड़े और यहां से कांग्रेस के अमिता भूषन से इनको हार मिली थी। जिसके बाद लगातार क्षेत्र में बने रहे लेकिन 2020 के चुनाव की घोषणा होने के उपरांत बेगूसराय से इनको टिकट न देकर पार्टी ने बछवाड़ा सीट से उतारा था। लोगों को यह डर था कि सुरेंद्र मेहता बछवारा में कहीं महाभारत के अभिमन्यू ना साबित हो जाए परंतु सुरेंद्र मेहता ने हर किसी के भ्रम को तोड़ दिया और बछवारा से कमल खिला दी, यह बेगूसराय बीजेपी के तुरुप का इक्का साबित हुए है।

143 तेघड़ा के नये विद्यायक मुखिया जी यानि कॉमरेड रामरतन सिंह तेघड़ा के नए विधायक कॉमरेड राम रतन सिंह मुखिया जी के नाम से काफी प्रचलित है । यह 2010 से लगातार तीन बार चुनाव लड़े थे 2020 तक लेकिन पिछले दो चुनाव में इन को शिकस्त खानी पड़ी थी। क्षेत्र में लोकप्रियता और सक्रियता के वजह से आखिरकार उन्होंने जिले भर में सबसे ज्यादा अंतर से जीत हासिल की । 50000 से भी पार जीत का अंतर रहा इन्होंने तेघरा सीट जो सीपीआई की परंपरागत सीट मानी जाती है जो पिछले 10 साल से सीपीआई के हाथों से निकली हुई थी वापस से सीपीआई के झोली में डाल दी है ।

144 मटिहानी के नए विधायक लोजपा के राजकुमार सिंह जिले में अगर तब से दिलचस्प मुकाबला किसी सीट पर रहा तो मटिहानी सीट पर रहा यहां पर तीन दलों के प्रत्याशियों को बराबर मत मिले हैं । जिसका अंतर काफी कम रहा 10 नवंबर को गिनती के दिन 11:00 बजे रात में जाकर इस सीट पर रिजल्ट डिक्लेअर हुआ । यहां से लोजपा के राजकुमार सिंह ने चार बार के विधायक बोगो सिंह को 300 से ज्यादा मतों से मात दी । यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखा गया । पूरे बिहार में लोजपा को एक मात्र यही मटिहानी सीट पर जीत मिली है। लोगों में ऐसी चर्चा है कि राजकुमार सिंह जो स्वर्गीय कामदेव सिंह के पुत्र हैं उन्होंने मटिहानी सीट को फिल्मी स्टाइल में जीता है। क्योंकि 2 महीने पहले इनकी राजनीतिक सक्रियता शुरू हुई पहले इन्होंने कांग्रेस से टिकट लेने की इच्छा जाहिर की लेकिन महागठबंधन के समीकरण में सीट कांग्रेस के हाथों से निकल गया जिसके बाद इन्होंने बिना रुकते हुए प्रयास जारी रखा । क्षेत्र में सक्रियता बनाए रखे व चार बार के विधायक को हराकर जीत हासिल की।

145 एसकमाल सीट से नये विधायक सतानन्द सम्बुद्ध उर्फ ललन यादव साहेबपुरकमाल सीट से पहली बार विधायक चुने गए राजद के शतानंद संबुध इसी सीट के सिटिंग विधायक व बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व राजद के दिग्गज नेता श्री नारायण यादव के पुत्र हैं । बताया जाता है कि श्रीनारायण यादव का लगभग 40 वर्षों से एस कमाल सीट पर दबदबा और एकछत्र राज रहा है । अवस्था ढलने व बुजुर्ग होने के बाद इन्होंने सांकेतिक तौर पर राजनीति से संयास ले कर अपने पुत्र को इस सीट से चुनावी समर में भेजा और शतानंद सम्बुद्ध उर्फ़ ललन यादव ने जदयू के प्रत्याशी को यहां निकटतम मुकाबले में लगभग 14000 के मार्जिन से मात दे दी और राजद के सीटिंग सीट को इन्होंने बरकरार रखा ।

146 सदर सीट के विधायक भाजपा के कुंदन सिंह कुंदन सिंह भाजपा के प्रदेश स्तर के राजनीति में सक्रिय थे । साल 2010 में भाजपा ने इनको बछवारा सीट से मैदान में उतारा था परंतु तब इनके पिता और वर्तमान में बेगूसराय नगर निगम के मेयर यूपी सिंह बेगूसराय सदर सीट से लोजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में थे, तो इन्होंने ऐसी स्थिति में बछवारा सीट से अपना टिकट पार्टी को वापस लौटा दिया था। और लगातार 10 साल तक पार्टी के कामों में लगे रहे अंततः भारतीय जनता पार्टी ने इनको फिर से 2020 विधानसभा चुनाव में बेगूसराय सदर सीट से चुनावी समर में उतारा और इन्होंने भितरघातियों के बावजूद कांग्रेस से यह सीट झटक कर भारतीय जनता पार्टी की झोली में डाल दी ।

147 बखरी सुरक्षित सीट से नये विधायक बने सूर्यकांत पासवान बखरी के सुरक्षित सीट से सीपीआई के सूर्यकांत पासवान ने नजदीकी मुकाबले में भाजपा के राम शंकर पासवान को हराया । एक दशक के बाद बखरी की सीट सीपीआई की झोली में आई है। इससे पहले बखरी की सुरक्षित सीट सीपीआई की परंपरागत सीट मानी जाती थी और यहां पर सीपीआई का खासा दबदबा रहा है । सूर्यकांत पासवान लगातार 2010 से 20 तक का चुनाव लरे । इन तीन चुनाव में पहले के दो चुनाव में इन को निराशा हाथ लगी परंतु उन्होंने लगातार तीसरी बार भी चुनाव लड़ा और नजदीकी मुकाबलों में भाजपा के प्रत्याशी को मात देकर या सीट सीपीआई की झोली में डाल दिया ।