न्यूज डेस्क, बेगूसराय : बेगूसराय बिहार का एक महत्वपूर्ण जिला रहा है। अपने राजनीतिक जागरूकता की वजह से यह जिला आजादी आंदोलन और बाद के दिनों में भी जाना जाता रहा है। आज के मंत्रिमंडल विस्तार में बेगूसराय जिला के एक भी विधायक और विधानपार्षद को स्थान नहीं मिला।
जबकि, बिहार के प्रथम मंत्रिमंडल गठन में भी बेगूसराय के प्रसिद्ध कांग्रेसी नेता रामचरित्र सिंह को डाक्टर श्रीकृष्ण सिंह के मंत्रिमंडल में जगह मिली थी। वे बिहार के सिंचाई और बिजली मंत्री बनाए गए थे। वर्ष 1957 में अपने पुत्र चंद्रशेखर सिंह के कम्युनिस्ट पार्टी के नेता के तौर पर उभर जाने के कारण कांग्रेस पार्टी ने उन्हें टिकट से वंचित कर दिया। वे निर्दलीय चुनाव लड़ेऔर जीत भी गए।
वर्ष 1967 के संविद सरकार में सीपीआई के चंद्रशेखर सिंह बिजली सिंचाई विभाग के मंत्री बने। वर्ष 1969 में बेगूसराय के विधायक सरयू प्रसाद सिंह को मंत्रिमंडल में जगह मिली। लेकिन,वे बिना विभाग केही मंत्री रह गए। भोला सिंह और रामदेव राय कांग्रेस के समय में बिहार मंत्रिमंडल में बेगूसराय का प्रतिनिधित्व करते रहे। वर्ष 1985 में चेरियाबरियारपुर के कांग्रेस विधायक हरिहर महतो पथ परिवहन विभाग के कैबिनेट मंत्री बनाए गए। वर्ष 1971 और 1990 तथा 1995 में रामजीवन सिंह कृषि पशुपालन, मत्स्य और सहकारिता विभागों के मंत्री राज्य मंत्रिमंडल में रहे। वही बलिया के विधायक जमशेद अशरफ और परवीन अमानुल्लाह को भी नीतीश सरकार में मंत्रिमंडल में जगह मिली।
बलिया के विधायक श्री नारायण यादव लंबे समय तक लालू और राबड़ी के मंत्रिमंडल में नगर विकास विभाग के मंत्री रहे। अशोक कुमार राबड़ी देवी के मंत्रिमंडल में गन्ना विकास विभाग के राज्य मंत्री रहे। भोला सिंह नीतीश कुमार की पहली सरकार में नगर विकास मंत्री रहे। 2010 में एसकमाल सीट से चुनाव जीती परवीन अमानुलाह को मंत्रिमंडल में जगह मिली। वर्ष 2015 में कुमारी मंजू वर्मा समाज कल्याण विभाग की मंत्री बनीं। कमोबेश राज्य के हर मंत्रिमंडल में बेगूसराय की महत्वपूर्ण भागीदारी रही।