जानिए बेगूसराय के इस प्रगतिशील उद्यमी के बारे में जिनके कामों की पीएम मोदी ने भी प्रशंसा की

डेस्क : रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने लाइव टेलीकास्ट के माध्यम से ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान बेगूसराय जिले के डंडारी प्रखंड के तेतरी गांव में मोती की खेती करने वाले प्रगतिशील किसान जयशंकर कुमार के कार्यों की काफी सराहना किया. उन्होंने इनकी सराहना करते हुए कहा कि इनोवेटिव सोच से ऐसे काम भी संभव हो जाते हैं जिसकी आमतौर पर कोई कल्पना नहीं कर सकता है.

पहले सामान्य नौकरी करते थे एक दिन उन्होंने तय किया कि मोती की खेती करेंगे. इसके लिए पहले उन्होंने जानकारी जुटाई जयपुर एवं भुवनेश्वर में ट्रेनिंग ली और फिर अपने गांव में ही मोती की खेती शुरू कर दी। आज वह खुद तो अच्छी कमाई कर ही रहे हैं साथ ही मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, पटना में अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को ट्रेनिंग भी दे रहे हैं। इससे उनके लिए भी आत्मनिर्भर के रास्ते खुल गए हैं, पीएम मोदी जयशंकर कुमार के कार्यों की खूब सराहना किया।

क्या करते हैं जयशंकर कुमार मेहनती किसान जयशंकर कुमार वंशीधर उच्च विद्यालय तेतरी में क्लर्क की नौकरी छोड़ कम लागत से उन्नत खेती करने का रास्ता अपनाया. इसमें वह सफल भी रहे और आज अन्य किसानों को रोजगार भी देते हैं। जयशंकर कुमार ने पशुपालन, बकरी पालन, बत्तख पालन, खरगोश पालन, मत्स्य पालन के साथ-साथ औषधीय पौधों की खेती में भी खूब रुचि दिखाई है.इसके अलावा वह मीठे जल वाले ताल तलैया में प्रथम प्रयास से ही कम लागत पर सीख से मोती तैयार करने का भी काम किया है.

जयशंकर कुमार बताते हैं कि वह जिंदा सीप के शरीर को ऑपरेट कर जिस आकृति का मोती तैयार करना है उस आकृति का कैल्शियम कार्बोनेट का टुकड़ा जिंदा सीप के शरीर में डालकर डाल दिया जाता है इस टुकड़े के कारण सीप के शरीर को कष्ट पहुंचता है।जिसके दर्द से शरीर के अंदर से कैल्शियम केमिकल का स्राव करता है वह स्राव उक्त टुकड़े पर जमने लगता है। तलाब में 6 महीने तक यह टुकड़ा जिंदा सीप के शरीर में पड़ा रहता है उसके बाद मनचाहे आकृति का मोती तैयार हो जाता है।

500 की लागत से 5000 तक की होती है कमाई जयशंकर कुमार बताते हैं कि एक सीप से मोती तैयार करने में लागत 400 से 500 रुपए आती है जबकि बाजार मूल्य 4-5 हजार तक मिल जाता है. इसके अलावा किसान के द्वारा वर्मी कंपोस्ट के माध्यम से जैविक खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है जो किसान के साथ ही समाज के लिए वरदान साबित हो रहा है. उनके सराहनीय कार्यों के लिए जिला स्तर से राज्य स्तर पर भी वह पुरस्कृत हो चुके हैं।