डीएम अरविन्द कुमार वर्मा ने जल जीवन हरियाली अभियान के योजनाओं को त्वरित गति से निष्पादित करने का दिया निर्देश

बेगूसराय, 08 दिसम्बर : बिहार सरकार के महत्वाकांक्षी योजना जल-जीवन-हरियाली अभियान के कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर अभियान चलाकर निष्पादित किया जाएगा। यह निर्देश डीएम अरविन्द कुमार वर्मा ने मंगलवार को कारगिल विजय सभा भवन में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान दिया है। डीएम ने कहा कि जल जीवन हरियाली अभियान के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करें। तालाब, पोखर, सार्वजनिक कुआं के जीर्णोद्धार, सोकपिट निर्माण, नए जल स्त्रोतों का सृजन (निजी खेत-पोखर), छत वर्षा जल संचयन आदि योजना को प्राथमिकता में रख पूरा करें।

डीएम ने बताया गया कि लघु जल संसाधन विभाग के लक्षित 43 योजनाओं में 27 तथा मनरेगा के 508 योजनाओं में से 239 का कार्य पूरा किया जा चुका है। नगर निगम द्वारा लक्ष्य 13 को पूरा कर लिया गया है। नगर परिषद बीहट के लंबित आठ तथा नगर पंचायत बलिया के 12 योजनाओं को त्वरित गति से पूरा करने का निर्देश दिया गया है। पीएचईडी द्वारा लक्ष्य 230 में से सभी तथा पंचायती राज विभाग द्वारा 373 कुआं के जीर्णोद्धार की योजना पूरी की जा चुकी है। नगर निगम बेगूसराय के 245 में से 147, नगर परिषद बीहट के 144 में से 14, नगर पंचायत बखरी के 49 में से 30, नगर पंचायत तेघड़ा के 114 में से 71 तथा नगर पंचायत बलिया के 23 में से दो योजनाएं पूरी की गई है।

सोकपिट निर्माण में मनरेगा के लक्षित 2613 में 1750 का कार्य पूरा किया जा चुका है, पंचायती राज विभाग के तहत 425 में से 244 को पूरा कर लिया गया है। नगर निकायों में सोकपिट निर्माण टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर सभी लंबित योजनाओं में कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया है। नए जल श्रोतों के सृजन संबंधी मनरेगा, कृषि विभाग एवं मत्स्य विभाग के तहत किए जाने वाले कार्यों को भी पूरा करने का निर्देश दिया गया है। कृषि विभाग को लक्ष्य के अनुरूप अधिकाधिक आवेदन संग्रह करते हुए कार्य पूर्ण करने को कहा गया है। छत वर्षा जल संचयन के तहत भवन प्रमंडल, मनरेगा, नगर पंचायत बलिया, नगर परिषद बीहट ने निर्धारित लक्ष्य पूर्ण कर लिया गया है। शिक्षा विभाग के लक्ष्य 124 के विरूद्ध 123 छत वर्षा जल संचयन का निर्माण किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग के तहत 19 में से पांच पूरा किया गया है। जिले में जैविक खेती के तहत 1663.09 एकड़ तथा टपकन सिंचाई के तहत 505.62 एकड़ आच्छादित किया जा चुका है। सौर उर्जा एवं बिजली बचत के लिए के प्रयास सरकारी कार्यालयों द्वारा की जा रही है।