डेस्क : टैक्स पे करना व्यक्ति की बाकी जरूरी कामों की तरह एक अनिवार्य काम बन चुका है। कई बार ऐसा हो जाता है कि किन्ही वजह से रिटर्न फाइल नहीं किया जा सकता है। ऐसे में बाद में परेशानी की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन अब बजट में कुछ नियमों में बदलाव करके अपडेटेड टैक्स रिटर्न भरने के नियमों को थोड़ा मॉडिफाई किया गया है। ऐसे में टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम डेट खत्म हो जाने पर भी परेशान होने की बात नहीं रहती है।
नए प्रावधानों के अनुसार अब दी हुई तिथि खत्म होने के बाद भी टैक्स पे करना हुआ आसान इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139 (8A)के तहत कोई भी शख्स अपने किसी और का इनकम टैक्स रिटर्न समीक्षाधीन साल के 12 महीनों के बाद तक भी कर सकता है। इसके लिए सिर्फ उसके द्वारा पहले कभी भी आईटीआर फाइल किया हुआ होना चाहिए। अगर एक वर्ष के बाद अपडेटेड रिटर्न फाइल किया जा रहा है तो रिटर्न पर 25% का एक्स्ट्रा टैक्स देना होगा और 12 से 24 महीनों के बीच फाइल किए गए अपडेटेड रिटर्न पर 50% का एक्स्ट्रा टैक्स देना पड़ेगा। इसके साथ ही साथ बेस टैक्स पर सैश और सर चार्ज भी देना पड़ेगा।
टैक्स पे करने और इस से संबंधित फॉर्म्स के बारे में सही जानकारी की कमी होने की वजह से लोग या तो गलत फॉर्म भर देते हैं या फिर किसी की मदद भी लेने पड़ने पर सही तरीके से काम नहीं हो पाता है। टैक्स पेयर्स के हिसाब से टैक्स रिटर्न का फॉर्म अलग-अलग रहता है। जानते हैं कितने तरह के आई टी आर फॉर्म होते हैं और किन लोगों के लिए कौन सा फॉर्म भरना सही रहता है।
ITR 1 आई टी आर 1 जिनकी सालाना कमाई पचास लाख रुपये तक है वो टैक्स भरने के लिए आइटीआर 1 फॉर्म का इस्तेमाल करेंगे। इस इनकम में सैलरी, एक घर की प्रॉपर्टी, ₹5000 तक की कृषि आय और अदर रिसोर्सेस शामिल रहते हैं।
ITR 2 आई टी आर 2 म्यूच्यूअल फंड स्टॉक को बेचकर जो लोग कमाई करते हैं, साथ ही साथ एक से अधिक प्रॉपर्टी हाउस है वो आई टी आर 2 से टैक्स पे करेंगे।
ITR 3 आई टी आर 3 जिनका बिजनेस प्रॉफिट एंड गेन का होता है वह आइटीआर 3 फॉर्म का चुनाव टैक्स पे करने के लिए करेंगे।
ITR 4 आई टी आर 4 जो लोग एचयूएफ भरते हैं तथा जिनकी कमाई 50 लाख तक वार्षिक हो और कोई बिजनेस भी हो तो वह टैक्स पे करने के लिए आई टी आर चार का यूज करेंगे।
ITR 5 आई टी आर 5 इंडिविजुअल, एचयूएफ ,कंपनी और आई टी आर सात भरने के अलावा वाली कैटेगरी के लोग टैक्स देने के लिए आई टी आर पांच का चुनाव करेंगे।
ITR 6 आई टी आर 6 आइटीआर छः कंपनियों के लिए होता है हालांकि आई टी आर सात फॉर्म भरने वाली कंपनी इस फॉर्म को नहीं भर सकती हैं।
ITR 7 आई टी आर 7 वैसे लोग और कंपनियां टैक्स भरने के लिए आई टी आर सात का चुनाव करेगी जिन्होंने सेक्शन 139(4A) या 139 (4B) या 139(4D) के तहत रिटर्न फाइल करना होता है।
प्रत्येक व्यक्ति के लिए टैक्स जमा करवाना एक जिम्मेदारी का काम है इसलिए वक्त पर से जरूर पूरा कर देना चाहिए।चुकी अब सुविधाएं दी जा चुकी है कि देरी होने की स्थिति में भी टैक्स पे किया जा सकता है लेकिन इसे वक़्त के अंदर भर देना सही रहता है ताकि एक्स्ट्रा चार्जेज से बचा जा सके।