लॉकडाउन में मुसलमानों ने दिया हिन्दू महिला की अर्थी को कांधा,चंदा कर किया अंतिम संस्कार

कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते धार्मिक भावनाओं से भी खिलवाड़ हो रहा है. लोग लॉक डाउन में अपने घरों से निकलने से कतरा रहे हैं। खौफ इतना है कि किसी की मौत पर कांधा देने के लिए 4 लोग भी नहीं मिल रहे हैं। दरअसल, साउथ तोड़ा में रहने वाले मुस्लिम समाज के लोगों ने सांप्रदायिक एकता की शानदार तस्वीर पेश की है। मुस्लिम कम्युनिटी के लोग ने एक हिंदू महिला की अर्थी को ना सिर्फ कांधा दिया बल्कि अंतिम संस्कार भी कर दिया।

इंदौर के साउथ तोड़ा जूना गणेश मंदिर इलाके में रहने वाली एक महिला का निधन हो गया। मोहल्ले के लोग उन्हें मां के नाम से बुलाते थे, वह महिला पिछले कई दिनों से बीमार चल रही थी मोहल्ले में रहने वाले मुस्लिम परिवार के लोग उनका हाल जानने पहुंचे थे, उसके बाद देर रात उनका निधन हो गया। उनके बेटे को भी खबर दी गई उनके दोनों बेटे वहां पहुंचे जरूर लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, उनके बेटों के पास पैसे नहीं थे कि वह अपनी मां का अंतिम संस्कार कर सकें. उसके बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने ही चंदा इकट्ठा कर अंतिम संस्कार के लिए पैसे जुटाए।

https://youtu.be/0pfmapoWxFo

इस सांप्रदायिक एकता की मिसाल की चर्चा पूरे शहर में खूब हो रही है मुस्लिम समाज ने एक हिंदू महिला की अर्थी को कांधा देकर एक मिसाल कायम की है इसे साफ झलकता है कि भारत में अभी भी एकता कायम है। मशहूर शायर Imran Pratapgarhi ने भी इस खबर को अपने ट्विटर पर ट्वीट के जरिए कहा है कि, ‘यह आम जनता नहीं है, अर्थी पर दुर्गा (बूढ़ी काकी) है कोरोना के डर से कोई नहीं आया, अंतिम संस्कार करने ले जा रहे सारे युवक मुस्लिम है. घटना उसी इंदौर की है जहां के एक वीडियो ने आपके मन में एक पूरे समाज के लिए नफरत भर दी थी. इन लड़कों ने आज क़फ़्फ़ारा अदा कर दिया।