बेगूसराय में विद्यार्थी परिषद ने अंबेडकर जयंती पर दिया सामाजिक समरसता का संदेश

बेगूसराय, 06 दिसम्बर : डॉ. भीम राव अम्बेडकर की 64वें पुण्यतिथि को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सामाजिक समता दिवस के रूप में मनाया। इस अवसर पर बेगूसराय नगर इकाई द्वारा जीडी कॉलेज के प्रांगण में ‘अंबेडकर का विचार और आज का भारत’ पर विचार गोष्ठी आयोजित किया गया। विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्राचार्य अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि बाबा साहब ने भारतीय नागरिक को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। जाति, रंग, धर्म एवं लिंग से हो रहे भेदभाव को समाप्त करके सभी को समान अधिकार दिलाने का कार्य किया।

प्रभारी प्राचार्य कमलेश कुमार ने कहा की जब हम संसार में आते है तो हमें ये मालूम नहीं होता है की हमारे आने का उद्देश्य क्या है। जो महापुरुष लोग होते हैं वो इस बात को जानते हैं की उनका आना आकरण नहीं है और वे उसके संपादन में लग जाते हैं। आजादी के बाद जो हमें देश मिला वो अराजक स्थिति में था, उसके लिए एक संविधान की जरूरत थी। संविधान हमें अनुशासन देता है, प्रशासन देता है। समाजिक व्यवस्था कैसा होगा, राजनीतिक व्यवस्था कैसा होगा, ये हमें संविधान बताता है। विद्यार्थी परिषद के पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य अजीत चौधरी ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर का विचार समाज के दबे-कुचले वर्ग को समाज के मुख्य धारा में लाना था, इसलिए उन्होंने आरक्षण दिया गया।

लेकिन इसका लाभ आज भी वंचित वर्ग तक नहीं पहुंच रहा है और कुछ ही लोग आरक्षण का लाभ उठा रहे। इसलिए गरीब गरीब ही रह गए और अमीर अमीर होते चले गए। उनको सच्ची श्रद्धांजलि तभी मिल सकती जब तक दबे, कुचले, गरीब लोग समाज के मुख्य धारा में नहीं आ जाएं। प्रदेश कार्यकारणी सदस्य सोनू सरकार ने कहा कि बाबा साहब ने सबको शिक्षा मिले, पढ़ाई का मौका मिले, समाज के अंतिम पायदान तक शिक्षा मिले की योजना बनाई, लेकिन शिक्षा में भी भेदभाव हो रहा है। अमीर लोगों के बच्चे निजी संस्थान एवं गरीब लोगों के बच्चे सरकारी संस्थान में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। एक तरफ शिक्षा के लिए सरकार स्कूल खोल रही है, वहीं दूसरी तरफ बेगूसराय के गढ़हरा में रेलवे द्वारा स्कूल बंद करने का आदेश दिया गया है, जो छात्रों के साथ अन्याय हैं।

छात्रसंघ अध्यक्ष पुरुषोत्तम कुमार, प्रदेश कार्यकारणी सदस्य आजाद कुमार एवं छात्रा प्रमुख सोनाली कुमारी ने कहा कि बाबा साहब के देश में छात्राओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जहां छात्रों की पढ़ाई के लिए अभिभावक गंभीर रहते, वहीं छात्राओं के प्रति गंभीर नहीं रहते हैं। जबकि बाबा साहब ने लिंग भेद को समाप्त करने की बात कही थी। मौके पर राहुल कुमार ने कहा की हम भारत मां के लाल छुआ छूत को नहीं मानने के मूल मंत्र पर काम करने वाले आज पूरे देश में बाबा साहब की पुण्यतिथि मना रहे हैं।