बेगूसराय : विधानसभा चुनाव 2020 खत्म होने के बाद बिहार सरकार के मंत्री मंडल का भी गठन हो गया है। जिसके बाद फिर से दिनकर विश्वविद्यालय की मांग जोड़ पकड़ने लगी है। बताते चलें कि लगातार 20 वर्षों से बेगूसराय के छात्र युवा दिनकर विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग को लेकर आंदोलित हैं परंतु बिहार सरकार बेगूसराय में विश्वविद्यालय की स्थापना करने को लेकर कोई भी सकारात्मक पहल करते हुए नहीं दिख रही है ।
बेगूसराय के 7 सीटों से जीते हुए विधायकों ने भी बेगूसराय में विश्वविद्यालय स्थापना की मांग को जायज बताया है। इससे पहले चुनाव में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने विश्वविद्यालय की मांग को सदन में उठाने की बात कहकर इस मुद्दे को अपने एजेंडा में भी शामिल किया था। इस संदर्भ में एबीवीपी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य व एलएनएमयू छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा कि बेगूसराय में विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग को लेकर हम लोग वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं, परंतु सरकार इस बात को अनसुनी कर रही है।
बेगूसराय के छात्र युवा अब आपा खोने के कगार पर पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि एक सोची समझी साजिश के तहत बेगूसराय में उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि बेगूसराय में सिर्फ जीडी कॉलेज में लगभग 25000 छात्र अध्ययनरत है और जिले के सभी डिग्री कॉलेजों के छात्रों की संख्या की बात करें तो यह संख्या कुल 50000 के पार है। जो कि एक विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए न्यूनतम छात्रों की संख्या से कई गुणा है, बीते दिनों सितंबर माह में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्म जयंती के अवसर पर बेगूसराय के युवकों ने ट्विटर पर है हैश टैग बेगूसराय वांट्स दिनकर यूनिवर्सिटी का ट्रेंड कराकर इसे राष्ट्रीय स्तर पर मुद्दे को उठाया था तब कई राजनीतिक दल व राजनीतिक दल से संपर्क रखने वाले कार्यकर्ताओं ने इस मुहिम में अपना समर्थन देते हुए बेगूसराय में विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग को जायज बताया था ।
जिसके बाद विधानसभा चुनाव में विद्यालय की स्थापना में शामिल किया था अब समय आ गया है कि बेगूसराय में दिनकर विश्वविद्यालय की स्थापना जल्द से जल्द हो अन्यथा आंदोलित होकर यहां के छात्र युवा सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे और इसकी सारी जवाबदेही बिहार सरकार की होगी । हम लोग यही चुप नहीं बैठेंगे बेगूसराय में विश्वविद्यालय की स्थापना की लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक लड़ेंगे।