बेगूसराय में विभिन्न मांगों को लेकर अधिवक्ताओं ने मार्च निकालकर जिला वकील संघ कार्यालय में दिया धरना

डेस्क : गुरुवार को बेगूसराय व्यवहार न्यायालय में अधिवक्ताओं नेएक मार्च निकालकर धरना दिया। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नागरिक अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए संघर्ष कर रहे अधिवक्ता प्रशांत भूषण को दोषी करार देकर न्यायपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार पर उठने वाले आवाजों को निरंकुशता से दबाने का प्रयास किया है। न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बचाए रखने के लिए अधिवक्ताओं का प्रतिरोध मार्च निकाला गया मार्च जिला वकील संघ बेगूसराय से निकलकर अधिवक्ता संघ कैंटीन चौक व्यवहार न्यायालय परिसर होते हुए जिला वकील संघ बेगूसराय के प्रांगण में पहुंचकर धरना में तब्दील हो गया।

अधिवक्ताओं ने जमकर बोला हमला धरना को संबोधित करते हुए अधिवक्ता वशिष्ठ कुमार अम्बष्ठा ने मांग की की अधिवक्ता प्रशांत भूषण को अवमानना के मुकदमों से बरी की जाए जजों पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए फोरम का निर्माण की जाय। अधिवक्ता प्रभाकर शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि जजों की नियुक्ति मेधा और प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर हो जिससे कॉलेजियम सिस्टम के चलते जजों की नियुक्ति में भाई भतीजावाद समाप्त हो जाएगी ऑफिसर ऑफ द कोर्ट अधिवक्ताओं को अपमानित करना बंद किया जाए अवमानना का कानून को समाप्त किया जाए इत्यादि मांगों को लेकर सभी अधिवक्ताओं ने धरना को संबोधित किया।

धरना को संबोधित करने वाले में पीयूसीएल के जिला उपाध्यक्ष प्रभाकर महाराज महासचिव रमेश प्रसाद सिंह सचिव एवं प्रगतिशील अधिवक्ता संघ के महासचिव प्रमोद कुमार अधिवक्ता दीपक सिन्हा अधिवक्ता मिराज अख्तर गोपाल कुमार शाखा मंत्री स्वराज इंडिया के रंजीत कुमार वीरेंद्र साहू कैलाश महतो सिविल सोसाइटी के श्याम नरेश सिंह रंजन कुमार एवं आम आदमी पार्टी के अभिषेक जयसवाल एवं किशोरी प्रसाद सिंह भाकपा के शहर मंत्री रामआगर सिंह ने भी धरना को संबोधित किया यह धरना हम देखेंगे कि अभियान का भी एक हिस्सा के रूप में दिया गया धरना के माध्यम से यह भी मांग की गई कि जजों के सेवानिवृत्ति के पश्चात लाभ के पद पर नियुक्त नहीं किया जाए प्रशांत भूषण को अवमानना के मुकदमे से बरी किया जाए इस धरना में काफी संख्या में अधिवक्ताओं के अलावे समाज के बुद्धिजीवी वर्गों ने भी हिस्सा लिया।