बेगूसराय में गीदड़ के काटने से दर्जन भर मवेशी की मौत, लाखों की नुकसान से किसानों में हड़कम्प

खोदाबन्दपुर , बेगूसराय : बेगूसराय जिले के खोदाबन्दपुर प्रखण्ड अंतर्गत मेघौल गाँव में गीदड़ का आतंक मचा हुआ है। जहां गीदर के काटने से एक दर्जन मवेशियों की मौत हो गयी। एवं दर्जनों आक्रांत हैं। मवेशियों की मौत से किसानों को अबतक सात लाख से अधिक रुपये की क्षति हुई है। मेघौल पंचायत में इन दिनों गीदड़ का आतंक काफी बढ़ गया है। गीदड़ काटने से अबतक सिर्फ मेघौल पंचायत में एक दर्जन मवेशियों की मौत हो गयी है. जबकि दर्जनों जख्मी होकर आक्रांत है.

अबतक मेघौल गांव के अंजनी सिंह, राज किशोर सिंह, राम बाबू सिंह, वासुकी सिंह, गरीब चौधरी, बिदुलिया के राजा महतो, हरिकृष्ण महतो, देबू महतो, कपिलदेव महतो, मनी महतो सहित अन्य किसानों के गाय और बछिया की मौत गीदड़ काटने से हो चुकी है.जबकि बिदुलिया गांव निवासी बनारसी पासवान सहित दर्जनों किसान की मवेशी आक्रांत हैं. मवेशियों की मौत से किसानों का अबतक का अनुमानित क्षति लगभग सात लाख रुपये से अधिक बताया जा रहा है. किसानों ने बताया कि गीदड़ जब काटने आता है, तो मवेशी उनका प्रतिकार करता है. प्रतिकार के क्रम में गीदड़ उसके मुंह में ही काटकर भाग जाता है.धीरे-धीरे उसका विष मवेशी के शरीर मे फैल जाता है.मवेशी खाना- पीना, उठना बैठना छोड़ देता है.उसके मुंह से लार पोटा निकलने लगता है. और अंततः उसकी मौत हो जाती है. स्थानीय मुखिया पुरुषोत्तम सिंह ने गीदड़ काटने के कारण जानवरों के हो रहे मौत पर चिंता व्यक्त किया है. तथा जिला प्रशासन से वन विभाग की टीम भेजकर पागल गीदड़ को नियंत्रित करने तथा पीड़ित किसान को पर्याप्त मुवावजा देने का मांग किया है.

बोले अधिकारी : पागल गीदड़ के काटने से हुये विष से बचाव के लिये कोई टीका नहीं बना है.जानकारी मिलने पर मैं खुद गीदड़ काटने से आक्रांत मवेशी का जांच किया. मवेशी पर कुत्ता काटने वाला दवा ऐंटी रेबीज का उपयोग किया. लेकिन पागल गीदड़ के काटने वाले केस में काम नहीं किया.मवेशी की मौत हो गयी है.नियमावली में गीदड़ काटने से मवेशी की हुई मौत पर मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं है.किसान खुद अपने मवेशी का सुरक्षा करें.