न्यूज डेस्क : रामसर साइट की सूची में शामिल कावर झील पक्षी विहार में मेहमान पक्षियों का सरकारी संरक्षण में धड़ल्ले से अवैध शिकार होने की चर्चा पक्षी विहार के आसपास बसे स्थानीय लोग कर रहे हैं। इसका कारण है शुक्रवार की सुबह छौड़ाही पुलिस द्वारा एकंबा दहिया पुल के पास छापेमारी कर एक शिकारी सैकड़ों विदेशी पक्षी बाइक आदि जप्त करने के बाद छापेमारी की घटनाओं से ही मुकर जाने की घटना। स्थानीय ग्रामीण एवं कावर में डेरा बनाकर फसलों की रखवाली व खेती किसानी करने वाले दर्जनों लोगों का कहना था कि शुक्रवार सुबह 4:00 बजे के लगभग छौड़ाही पुलिस दहिया पुल से आगे जामूनतर पर घेराबंदी कर छापेमारी की।
उस दौरान जाल लगाकर शिकारी विदेशी पक्षियों को फंसा रहे थे। पुलिस को देखते हैं शिकारी इधर-उधर भागने लगे। एक शिकारी को पुलिस ने पकड़ लिया एवं बड़े से डेगची में रखें 200 से अधिक पंख टूटे विदेशी पक्षी को भी पुलिस ने पकड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि वहां शिकारियों के पांच बाइक भी पुलिस ने पकड़ा था। फिर एक मालवाहक टेंपो मंगवा कर सभी चीजों को लादकर छौड़ाही पुलिस कनौसी बाद के रास्ते चली गई। इसके बाद ग्रामीणों में पुलिस छापेमारी एवं बेजुबान पक्षियों के शिकारियों को पकड़ने की चर्चा के साथ स्थानीय छौड़ाही पुलिस को लोग इंटरनेट मीडिया पर बधाई सुबह 6:00 बजे से ही देने लगे। कावर झील के जामुन तर जहां शिकारी एवं पक्षियों को पकड़ने की बात बताई गई वहां पहुंचा गया तो सारे सबूत जैसे बोलते दिखे।
मालवाहक वाहन आने जाने के निशान, बाइक लोड करने के निशान, पक्षियों को फसाने के लिए कई बोरा धान एवं झील में लगे जाल स्पष्ट रूप से शिकारियों की कारगुजारी बता रहा था। मौजूद ग्रामीणों का कहना था कि कल एक जनवरी है। इसलिए इतने ज्यादा तादाद में पक्षियों का शिकार किया गया है। एक एक पक्षी तीन से पांच हजार रुपए में बेचा जाता है। मीडिया कर्मी जब छौड़ाही थाना पहुंचे तो अलग ही कहानी सामने आई। छौड़ाही पुलिस शिकारी पकड़ने एवं किसी भी तरह की घटना से साफ इनकार कर दिया। पुलिस द्वारा इस तरह की बात से इनकार करने की जानकारी जब ग्रामीणों को मिली तो ग्रामीण भौचक्का रह गए। सुबह बधाई देने वाले लोग लानत मलामत पर उतर आए। प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता राजेश कुमार सुमन सतीश कुमार कन्हैया आदि ने कहा कि कम से कम इन बेजुबान पर तो रहम करो। यह प्रतिबंधित क्षेत्र है। यहां 200 से ज्यादा प्रजाति के विदेशी मेहमान पक्षी आए हुए हैं ।
वन विभाग एवं पुलिस की सरकारी मिलीभगत से मेहमान पक्षियों के अवैध शिकार की जमकर निंदा करते हुए उन्होंने जिलाधिकारी महोदय से अभिलंब एक्शन लेने की मांग की है। इस संदर्भ में डीएफओ, रेंजर, वनपाल आदि वन विभाग के पदाधिकारियों के सरकारी मोबाइल पर दर्जनों बार कॉल किया गया। लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा। इस संदर्भ में छौड़ाही ओपी अध्यक्ष राघवेंद्र कुमार का कहना है कि कावर में अवैध महुआ शराब के संबंध में छापेमारी करने गए थे जो, नहीं मिला। ओपी अध्यक्ष ने बताया कि हमने किसी शिकारी, पक्षी को नहीं पकड़ा है। इस बात की हमें कोई जानकारी भी नहीं है। वन विभाग से पता करिए।