श्रमिक स्पेशल ट्रेन : कैसे पहुंचे अपने घर और कौन कौन कर सकता है सफर, क्या है इसके नियम ? जानिए सबकुछ

डेस्क : कोरोनावायरस संकट के बीच अलग-अलग जगहों पर फंसे लोगों जैसे प्रवासी मजदूरों, कामगारों, श्रमिकों, पर्यटको, छात्रों और अन्य लोगों को सरकार ने अपने-अपने घर पहुंचाने का फैसला लिया है, जिसके लिए सरकार ने विशेष “श्रमिक ट्रेन” चलाने का निर्णय लिया है। लोगों के मन में इस ट्रेन को लेकर कई तरह के सवाल है कि वह इस ट्रेन से अपने घर पहुंच सकते हैं या नहीं….. अगर हां, तो कैसे तो आपको बता दें कि इसके लिए आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारियों को ध्यान से पढ़ना होगा।

आपको सबसे पहले राज्य के अधिकारियों से संपर्क करना होगा फिर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद ऑफिशियल तरीके से अधिकारी के पास डाटा तैयार होगा, जो रेलवे को सौंपा जाएगा। उसके बाद सफर करने का निर्णय लिया जाएगा। लिस्ट मे नाम वाले लोग ही केवल इस ट्रेन में सफर कर सकते हैं। जहां रेलवे के द्वारा यह साफ बता दिया गया है कि रेलवे सिर्फ राज्य सरकार द्वारा स्वीकार किए गए लोगों की ही जिम्मेदारी ले रहा है। आपको जानकारी दे दे कि केंद्र सरकार के इस कदम से उन लोगों को बहुत राहत मिली है जो बाहर दूसरे राज्य में फंसे हुए हैं। आपको बता दें कि जो ट्रेन मजदूरों और बाहर फंसे लोगों के लिए चलाई जा रही है वह पॉइंट टू पॉइंट चलेगी, मतलब यह ट्रेन बीच में कहीं भी नहीं रुकेगी।

श्रमिकस्पेशल ट्रेनकी सेवा शुरू हो चुकी है। यह सहायता केंद्र सरकार द्वारा उन प्रवासी मजदूर, टूरिस्‍ट्स, स्‍टूडेंट्स और तीर्थयात्रियों के लिए है जो दूसरे राज्यों में फंसे है। यहां हम आपको बताएंगे कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन से कैसे जाएं घर?

  1. श्रमिकस्पेशल ट्रेन में यात्रा करने लिए कोई ऑनलाइन टिकट की आवश्यकता नहीं है , बस आपको नजदीकी नोडल ऑफिसर के यहां जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
  2. नोडल ऑफिसर एक लिस्ट तैयार करेंगे उसके बाद यह लिस्ट रेलवे को भेजी जाएगी ।
  3. स्टेशन पहुंचने के बाद सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी और स्वस्थ पाए जाने पर ही आपको ट्रेन में बैठने कि अनुमति दी जाएगी।
  4. लेबर स्पेशल ट्रेन में सफर करने के लिए अपने फेस को कवर करना जरूरी है।
  5. श्रमिक स्पेशल ट्रेन में यात्रा करने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ( Social Distancing ) or कोविड-१९ प्रोटोकॉल का पालन करना होगा ।
  6. रेलवे ने सभी यात्रियों के लिए खाना (भोजन) और पानी की व्यवस्था कर ली है ।
  7. जब ट्रेन अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच जाएगी तो वहां फिर से स्क्रीनिंग की जाएगी अगर कोरोनावायरस के लक्षण मिलते है तो आपको क्ववारंटीन में भेजा जाएगा अगर स्क्रीनिंग में लक्षण नहीं मिलते हैं तो आप अपने घर जा सकते है।

श्रमिक स्पेशल ट्रेन रजिस्ट्रेशन ( बुकिंंग) श्रमिक स्पेशल ट्रेन की लिस्ट भारतीय रेल ने जारी कर दी है। आप श्रमिक स्पेशल ट्रेन का रूट, समय और किराया इस पोस्ट में देख सकते है। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिए दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, पर्यटकों व अन्य लोगों को उनके राज्य पहुंचाया जाएगा। श्रमिक ट्रेन में सफर करने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। बिना रजिस्ट्रेशन के किसी को श्रमिक ट्रेन में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बड़े शहरों में नियुक्त नोडल ऑफिसर के यहां जाकर आपको रजिस्ट्रेशन कराना होगा। सभी राज्यों में पंजीकरण का कार्य जारी है।
अनुरोध है कि जिन राज्यों में वे फ़ंसे है वहाँ पंजीकृत करवा लें।

श्रमिक स्पेशल ट्रेन का टिकट कैसे बुक करें ? ऑनलाइन टिकट की कोई सुविधा नहीं है। आपको अपने पास के स्पेशल नोडल ऑफिसर से संपर्क करना होगा ।श्रमिक स्पेशल ट्रेन कहां से कहां तक चलेगी? श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को पॉइंट-टू-पॉइंट चलाया जाएगा । ये ट्रेनें बीच में कहीं नहीं रुकेगी । श्रमिक स्पेशल ट्रेन के टिकट का किराया कितना है ? रेलवे ने स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन के लिए 50 रुपये प्रति यात्री किराया देना होगा ।

कौन कर सकते हैं सफर और क्या है नियम यह ट्रेन सभी लोगों के लिए नहीं है इस ट्रेन में केवल प्रवासी मजदूर, छात्र, पर्यटक और कामगार लोग ही सफर कर सकते हैं, जो दूसरे राज्य में फंसे हुए हैं। आप यदि जयपुर के निवासी है और किसी कार्य से पटना आना चाहते हैं तो आप ऐसा नहीं कर सकते हैं अन्यथा आपको ट्रेन में सफर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस ट्रेन में सफर करने वाले लोगों की सूची तैयार की जा रही है। जो लोग बाहर फंसे हुए हैं वह आवेदन कर सकते हैं। उसके बाद लिस्ट जारी करने के बाद प्रशासन अपने स्टेशन पर लोगों को बुलाती है तभी आप सफर कर सकते हैं। स्टेशन पर हर एक यात्री की स्क्रीनिंग करके ही ट्रेन में बैठने की अनुमति दी जाएगी।

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देखा जाए तो इसके लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं, जिसे पालन करना हर किसी के लिए अनिवार्य है। जैसे कि आपको बिना मास्क लगाए स्टेशन पर नहीं जाना है। इस ट्रेन के हर बोगी में 72 के बजाय अब केवल 54 लोगों को ही बैठने की जगह मिलेगी। पूरी तरह से सुरक्षा और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाना जरूरी होगा। जब यात्रा खत्म होगी तो दोबारा स्टेशन पर यात्रियों की स्क्रीनिंग करके उनकी जांच की जाएगी, जो लोग वहां स्वस्थ पाए जाएंगे उन्हें घर जाने की इजाजत दी जाएगी वहीं कोरोना के लक्षण जिनमें देखने को मिलेंगे उन्हें इलाज के लिए क्वॉरेंटाइन में रखा जाएगा।