जाने कैसा हुआ था बेगूसराय में 1952 का पहला विधानसभा चुनाव

डेस्क : देश को आजाद हुए पांच साल बीत चुके थे। देश को अपना संविधान मिल चुका था। बिहार में पहले विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी थी। वक्त था वर्ष 1952 का बिहार भर में चुनाव की सरगर्मी तेज हो चुकी थी। बेगूसराय में भी चुनावी बिगुल बज चुकी थी , उस वक्त जिले में कुल सात विधानसभा क्षेत्र थे। बताते चलें कि उस वक्त पुराने राजनीतिक दलों का बोलबाला हुआ करता था।

बेगूसराय में तब के विस चुनाव में तेघड़ा में जनसंघ को 19.35% वोट मिला था। जनसंघ पार्टी अब नहीं है, जनसंघ अब भाजपा बन गयी है। जिले में चेरियाबरियारपुर विधानसभा क्षेत्र में 38614 वोटर थे। इसमें 21752 वोट गिरे थे और सोशलिस्ट पार्टी के रामनारायण चौधरी जीते थे। उन्होंने कांग्रेस के राम किशोर सिंह को हराया था। कुल वोट के 56.07% वोट पड़े थे। सोशलिस्ट पार्टी को 11283 यानि 51.83% वोट मिले थे। जबकि, कांग्रेस पार्टी को 7447 यानि 34.23% वोट मिले। निर्दलीय को 7.86% यानि 1671 वोट मिले थे। जबकि,6.27%यानि 1351 वोट रद्द हुए थे।

इसी तरह बछवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में कुल 41272 वोटर थे। इनमें 22662 वोटर ने वोट गिराए। कांग्रेस के प्रत्याशी मिट्ठन चौधरी चुनाव जीते और उन्हें 8585 यानि 38.20% वोट मिले। हारे सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी को 7510 यानि 33.15% वोट मिले। 6404यानि 28.66% वोट निर्दलीय को मिला। तेघड़ा विधानसभा क्षेत्र में तब कुल 38085 वोटर थे। 1952 के चुनाव में इनमें से 18904यानि 49.94% मतदाताओं ने वोट डाले।

इनमें कांग्रेस को 11238 यानि 59.31% वोट मिले थे। उसके उम्मीदवार रामचरित्र सिंह ने जीत हासिल की थी। तब यहां जनसंघ कै उम्मीदवार को 3667 यानि 19.35% वोट मिले और वे दूसरे नंबर पर रहे। तीसरे नंबर पर फारवर्ड ब्लाक के उम्मीदवार रहे और उन्हें 2250 यानि 11.88% वोट मिले थे। सोशलिस्ट पार्टी को यहां तब 1749 यानि 9.22% वोट मिले थे। बलिया में कुल वोट 35587 थे।इनमें से 20613 वोटर ही वोट गिराए। इनमें कांग्रेस पार्टी को 11403 यानि 55.32% वोट मिले और उसके प्रत्याशी ब्रह्मदेव नारायण सिंह चुनाव जीते। यहां सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे और उन्हें 9210 यानि 44.68% वोट मिले।