कैसे आया मजदूरों की मदद का ख्याल? सोनू सूद ने दिया ये जवाब

डेस्क : अभिनेता सोनू सूद के काम की सभी जगह तारीफ हो रही है और उनके काम की तारीफ होना लाजमी भी है वह बहुत सारे गरीब मजदूर बेसहारा लोगों की मदद करने में आगे आए हुए हैं. सोनू से जब पूछा गया आखिर उन्होंने ऐसा क्या देखा कि प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए उनका मन चीख उठा? उन्होंने बताया कि कर्नाटक के लिए पैदल निकले उस परिवार ने सोनू सूद को झकझोर दिया था यहीं से शुरू हुआ मजदूरों को भेजने का सिलसिला। तमाम बॉलीवुड सितारों ने कोरोना के इस जंग में आर्थिक और खाने-पीने से जुड़ी चीजों से लोगों की मदद की है लेकिन इस वक्त सोनू सूद जो कर रहे हैं उसे सबसे बड़ा कदम बताया जा रहा है।

सोनू सूद के इतने बड़े कदम उठाने के पीछे क्या है राज सोनू ने खुद बताया कि क्या सोचकर उन्होंने इस मजदूरों को वापस भेजने की तैयारी में जुट गए. यकीन मानिए सोनू ने इस बात में जो कुछ कहा वह अक्सर आप फिल्मों में हीरो को करते देख सकते हैं रियल लाइफ में ऐसा कम ही देखने को लेता है जो सोनू सूद ने किया। एनडीटीवी से बातचीत में सोनू सूद से जब पूछा गया कि आखिर ऐसा क्या था जिसे देखने के बाद आपको लगा कि अब आगे आने की जरूरत है? इस पर सोनू ने जवाब दिया मेरा मानना था कि हमने जिन मजदूरों को सड़कों पर छोड़ दिया है वे वो लोग हैं ‘जिन्होंने हमारे घर बनाए हैं, जिन्होंने हमारी सड़के बनाई है,हमारी ऑफिस बनाई है, जहां हम शूटिंग करते हैं वह जगह बनाई है, और आज हमने उन्हें सड़कों को छोड़ दिया है’ उनके बच्चों के साथ उनके माता-पिता के साथ उनके जेहन में हम जो याद डाल रहे हैं कि वह हजारों किलोमीटर चलकर अपने घर पहुंचे और कुछ लोग तो पहुंच भी ना पाए, मुझे लगा कि हमे उन तस्वीरों को देखकर कुछ ना कुछ तो करना जरूरी है।

राज्यों के सरकार से ली परमिशन इसके बाद महाराष्ट्र, कर्नाटक सरकार से परमिशन ली, उन्होंने थोडी भागदौड़ करनी पड़ी और पहली दफा 350 लोगों को एक साथ भेजा। उन्होंने कहा, ‘उन लोगों की आंखों में आंसू थे, वे रोप रहे थे। मुझे लगा कि ये वो 350 लोग हैं जिन्हें हम भेज पा रहे हैं लेकिन ऐसे हजारों लाखों लोग हैं हिंदुस्तान के कोने कोने में जिन्हें हम भेज नहीं पाएंगे। फिर लगा अब यह शुरू करना बहुत जरूरी है। फिर हमने देश के अलग-अलग हिस्सों के लोगों के लिए बिहार, उड़ीसा और झारखंड जैसे तमाम सरकारों से बातचीत की और फाइनली उन्हें अपने घर भिजवा दिया।

इस काम के पीछे क्या है मोटिवेशन जब उनसे यह सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा मेरे माता-पिता ने हमेशा कहा है कि आप सफल तभी हो जब किसी का हाथ थामकर उसे उसकी मंजिल तक पहुंचाओ। वह मेरी परवरिश थी और आज मेरी पत्नी सोनाली और मेरी फैमिली सब मेरे साथ इस काम में लगे होते हैं इन लोगों के साथ मेरी पूरी टीम भी है जिसके सहारे हम लोग दिन-रात इस काम में जुटे हुए हैं। कैसे उन लोगों को बाहर भेजा जाए और कैसे आगे का काम किया जाए मेरे लिए सब काम अकेले करना पॉसिबल नहीं था। ऐसे बहुत सारे लोग जुड़ते गए और इस काम को करने की इच्छा लेकर आगे आए। ऐसे ही मेरा कारवां बनता गया।

इस नंबर पर करें कॉल 18001213711 सोनू सूद लगातार लोगों को नंबर बांट रहे हैं ताकि बाहर जाने वाले लोग उनसे संपर्क कर सकें। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, “मेरे प्यारे श्रमिक भाइयों और बहनों।अगर आप मुंबई में है और अपने घर जाना चाहते हैं तो कृपया इस नंबर पर कॉल करें और बताएं कि आप कितने लोग हैं अभी कहां पर हैं और कहां जाना चाहते हैं? मैं और मेरी टीम जो भी मदद कर पाएंगे हम जरूर करेंगे।

सभी तरफ से हो रही है उनके काम की तारीफ सोनू सूद इंडस्ट्री के ऐसे पहले एक्टर है जो प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए बसों की व्यवस्था कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने कर्नाटक और महाराष्ट्र सरकार से परमिशन लेने के बाद कुछ प्रवासियों की यात्रा और खाने का इंतजाम किया था। एक्टर की पहल के बाद महाराष्ट्र के ठाणे से गुलबर्गा के लिए कुल 10 बसें रवाना हुई थी। पिछले दिनों मुंबई में वडाला से लखनऊ, हरदोई, प्रतापगढ़ और सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से बसे रवाना हुई. इसके बाद झारखंड, बिहार और उड़ीसा जैसे राज्य के लिए भी यह बस यह रवाना हुई।