बेगुसराय के पन्हास चौक स्थित वीर कुंवर सिंह पार्क में धूमधाम से मनाई गयी उनकी जयंती

बेगूसराय / डेस्क : अग्रणी पंक्ति के स्वतंत्रता सेनानी बाबू वीर कुवंर सिंह की जयंती बेगुसराय में धूमधाम से मनाई गयी, इस मौके ओर पन्हास चौक स्थित उनके विराट प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया गया। आपको बता दें कि विश्व व्यापी महामारी कोरोना वायरस के मद्देनजर मात्र आधे दर्जन अतिथियों ने माल्यार्पण किया। 1857 ई० क्रांति के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही और महानायक बाबू वीर कुंवर सिंह के प्रतिमा पर गुरुवार को आधे दर्जन अतिथियों ने माल्यार्पण किया। उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण करने वालों में नगर निगम के पूर्व मेयर संजय कुमार, लोहिया नगर प्रतिष्ठित आर्यभट्ट कोचिंग संस्थान के निदेशक सह एसएनएनआर चमथा कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो०अशोक कुमार सिह, अमर, इस जिले का चर्चित और प्रतिष्ठित लोहिया नगर स्थित बाइट कंप्यूटर इंस्टीट्यूट के निदेशक संजय कुमार ,युवा जदयू के जिलाध्यक्ष गौरव सिंह राणा, युवा नेता समीर सिंह चौहान, विशाल कुमार सिंह , और संतोष कुमार सिंह आदि ने उनके प्रतिमा पर सोशल डिस्टेंस का अनुपालन करते हुए प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

आये अतिथियों ने उनके यश कीर्ति बहादुरी और वीरगाथा का भी किया चर्चा : इस अवसर पर आर्यभट्ट के निदेशक प्रो०अशोक कुमार सिंह अमर ने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह भारत के सबसे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही के महानायक थे। उन्हें आज भी लोग उनकी वीरता और पराक्रम की वजह से बावू वीर कुंवर सिह के नाम से याद करते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी वीरता को इस बात से भी जाना जाता है कि उन्होंने 80 साल की उम्र में भी युद्ध में हिस्सा लेने का शौक रहता था और उस समय भी वो हमेशा युद्ध में विजयी होते थे।

80 वर्षों की हड्डी में जागा जोश पुराना था सब कहते हैं वीर कुंवर सिंह बड़ा वीर मर्दाना था : बाइट कंप्यूटर के निदेशक संजय कुमार ने कहा कि 80 वर्ष के उम्र में भी अंग्रेजों के साथ आगे आकर लोहा लेने का काम बाबू वीर कुंवर सिंह ने ही किया था। और उन्होंने भारत के सभी स्वतंत्रता सेनानियों को हमेशा अंग्रेजों के साथ युद्ध करने में जोश भरने का काम करते थे। जब उन्हें अंग्रेज के सिपाहियों ने उनके दाहिने हाथ में गोली मार दिया था, तो उन्होंने अपने लड़ाई के समय जोश को बढ़़ाते हुए अपनी तलवार से अपना एक दाहिना हाथ काट कर 80 वर्ष की उम्र में भी मां गंगे को चढ़ा दिया था,और युद्ध के मैदान में पीठ नही दिखाकर भागे थे। उनके इस जज्बे को मैं आज उनकी जयंती पर उनको सैल्यूट कर उन्हें शत-शत नमन करता हूं। पूर्व मेयर संजय कुमार ने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह के शरीर में हमेशा अंग्रेजों से युद्ध करने के लिए हमेशा आगे रहते थे। उनके शरीर के अंदर खून के एक एक बूंद में देश भक्ति लिखा हुआ था। इसलिए उन्हें महानायक की भी संज्ञा दी है ।आज उन्हीं वीर पुरुषों के बदौलत हमें आजादी मिली है,नहीं तो आज भी फिरंगियों की चक्की को पीसते रहते। ऐसे अपने देश के वीर महापुरुषों को आज के दिन उनके प्रतिमा पर पुष्पांजलि कर उन्हें बार बार अपनी आत्मा से नमन करता हूँ।