बिहार में बाढ़ से हाई अलर्ट, CM ने बुलाई आपात बैठक

बिहार के अधिकांश क्षेत्रों में गुरुवार की रात से लगातार हो रही बारिश तथा कुछ क्षेत्रों में गंगा के उफान के कारण ट्रेनों की रफ्तार धीमी पड़ गई है. समस्तीपुर-दरभंगा रेलमार्ग पर किशनपुर-रामभद्रपुर के मध्य जमीन धंसने के कारण ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया गया है, जबकि अन्य मागरें पर भी परेशानी आने से ट्रेनों के परिचालन बाधित हुआ है. बिहार सरकार के जलसंसाधन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि गंगा, कमला बलान, बागमती नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इस बीच बारिश ने स्थिति और बिगाड़ दी है.

बिहार में भारी बारिश के कारण 15 जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है. जिले में स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र दो दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं. गया, कैमूर और पटना जिले में अब तक 5 लोगों की जान चली गई है. बिहार में आपात स्थिति को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने आपदा प्रबंधन विभाग के साथ बैठक की है. इसी दौरान कई जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हालात की जानकारी ली है. सीएम ने सभी जिलों के डीएम को तैयार रहने को कहा है. सीएम ने सभी जिलों के डीएम को सोन और गंगा के किनारे बढ़ते जलस्तर की वजह से बाढ़ प्रभावित जिलों में रिलीफ कैंप बनाने को कहा है.

पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि अत्याधिक बारिश होने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य चलाए जा रहे हैं तथा जलभराव वाले क्षेत्रों से पानी निकालने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि दो दिनों तक राज्य के सभी स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को बंद कर दिया गया है.

इधर, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी पानी घुस गया है, जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल प्रशासन ने हालांकि इस संबंध में बस इतना ही कहा कि पानी घुस गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बारिश ने नगर निगम और राज्य सरकार की तैयारियों की पोल-खोल दी है. लोग कहते हैं कि क्या यही सुशासन है.

मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान पटना में 98 मिलीमीटर, भागलपुर में 134 मिलीमीटर और गया में 73 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. इधर, विपक्ष अब इस स्थिति को लेकर सरकार पर निशाना साध रहा है. राजद नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.

उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार के अथक सुशासनी प्रयास से कथित स्मार्ट सिटी पटना के 80 फीसदी घरों में बारिश और नालों का गंदा पानी घुस चुका है. सभी जन व्यवस्थाएं ध्वस्त हैं. 15 साल से ड्रेनेज प्रोजेक्ट के नाम पर सुशासनी बाबुओं ने अरबों करोड़ रुपये डकार लिए.”

तेजस्वी ने कहा, “हर बारिश में पटना डूब जाता है. सभी स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों में मछलियां तैरने लग जाती हैं और आदतन माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके बड़बोले मंत्रीगण जवाबदेही लेने की बजाय चमकी बुखार, बाढ़, सुखाड़ और जलजमाव के लिए चूहों या प्रकृति को दोषी ठहराने में व्यस्त हो जाते हैं.”