बेगूसराय की लड़कियों को मिला संगिनि का साथ, राजौड़ा गांव से हुई शुरुआत

महिलाओं और लड़कियों का मासिक धर्म उससे जुड़ी बातों को लेकर हमेशा से ही समाज का रवैया रूढ़िवादी चलता आ रहा है। जिस वजह से यह जीवन की एक सामान्यऔर स्वाभाविक क्रिया ना होकर शर्म, लज्जा और चुप्पी का विषय बन गई है। लेकिन धीरे-धीरे को युवा जिनमें ना सिर्फ महिलाएं बल्कि पुरुष भी हैं इस स्वाभाविक क्रिया पर खुलकर बात कर रहे हैं। इससे जुड़े हुए चीजों को ला रहे हैं ताकि समाज का विचार बदले और उसकी अस्वीकृति को बदल सके थे। जिस वजह से लड़कियों में साहस तथा आत्मविश्वास इस दौरान देखने को मिले ।अन्य परेशानियों की तरह इसमें भी लड़कियां खुलकर बात करें तथा सही जानकारी रखें। भविष्य में कोई परेशानी ना हो और अगर होगी तो उसका सही वक्त पर इलाज हो सके ताकि गंभीर बीमारी से बचा जा सके।

बेगूसराय मे की गई है संगिनी प्रोजेक्ट की शुरुआत इसी संबंध में एक नई पहल शुरू हुई है बेगूसराय जिले में ।जापान के टोक्यो में एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्य करने वाले बेगूसराय के खम्हार गांव के रहने वाले स्थान नेतरहाट स्कूल के पूर्ववर्ती छात्र विकास रंजन ने अपने पूर्ववर्ती छात्र संगठन नोवा जीएसआर के तहत सामाजिक और वैश्विक जिम्मेदारी को समझते हुए व ध्यान में रखते हुए बेगूसराय में प्रोजेक्ट संगिनी की शुरुआत की है।संगिनी प्रोजेक्ट के अंतर्गत मुख्यतः लड़कियों व महिलाओं के लिए उनके मासिक धर्म के समय में प्रयोग किए जाने वाले सैनिटरी नैपकिन पैड के लिए वेंडिंग मशीन और फिर उसे सुरक्षित रूप से नष्ट कर देने के लिए डिस्पोजेबल मशीन को लगाया जाता है। इस प्रोजेक्ट के तहत आने वाले समय में बेगूसराय के 20 गांव में इस मशीन को लगाने का योजना रखी गई है। आगे भी लगातार इसकी संख्या बढ़ाए जाने की कोशिश रहेगी।

1 रुपये में लड़कियां प्राप्त कर सकेंगी सैनेटरी नैपकिन पैड गांव के इलाकों में आज भी लड़कियों में सेनेटरी पैड के इस्तेमाल को लेकर जागरूकता की कमी है। शर्म व संकोच की वस्तु समझ कर इसे खरीदने से भी हिचकती हैं। पर अब यह समस्या खत्म होने वाली है। संगिनी प्रोजेक्ट के अंतर्गत लगने वाले वेंडिंग मशीन से सिर्फ ₹1 में एक पैड लड़कियां प्राप्त कर सकेगीऔर उसे नष्ट करने की बारी आएगी तो भी डिस्पोजेबल मशीन से आराम से हो जाएगा।प्रकृति का भी नुकसान नहीं पहुंच पाएगा। साल के अंत यानी दिसंबर महीने तक में लगभग 200 गांव की महिलाओं और किशोरियों के लिए सैनेटरी पैड उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है।

संगिनि प्रोजेक्ट को सफल बनाना है सभी का कर्तव्य संगिनी प्रोजेक्ट की शुरुआत विकास रंजन के गांव खम्हार से की गई है। राजकीयकृत सीताराम प्लस टू हाई स्कूल राजौड़ा में पहला मशीन लगाया गया है। इस मुहिम में प्रत्येक ग्रामीण, स्कूल के शिक्षक ,कर्मचारी ने अपने विशेष योगदान देने की बात कही है।मासिक धर्म का मुद्दा अब ऐसा नहीं रह गया है जिसके बारे में छुप छुपा करके बात की जाए। बढ़ती उम्र में लड़कियों को इसकी सारी जानकारी रहना काफी जरूरी है ताकि भविष्य में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़ेगा। संगिनी प्रोजेक्ट की शुरुआत बेगूसराय में होना महिलाओ व लड़कियों के लिए एक बड़ी बात है। साथ ही सबका कर्तव्य है कि इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने में अपना योगदान दें।