बेगूसराय में बेर की खेती कर लाखों कमा रहे किसान, जानें कितनी है इस किसान की आमदनी

बेगूसराय : बेगूसराय में अब खेती से भी लाखों की कमाई की जा रही है। मान लिया तो हार नहीं तो ठान लिया तो जीत इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है जिले के सदर प्रखंड के खम्हार निवासी किसान मन्टुन सिंह ने । जहां एक तरफ काफी पढाई लिखाई और योग्यता हासिल करने के बाद भी लोगों को कमाई के लिए संघर्ष करना पड़ता है, वहीं दूसरे तरफ निरक्षर किसान अपने मेहनत के दम पर खेती से लाखों कमा रहे हैं।

उक्त किसान परम्परागत खेती के साथ साथ विगत कुछ सालों से गैर परम्परागत खेती में भी किस्मत आजमा रहे हैं जहां उनको काफी हद तक मेहनत के अनुरूप सफलता भी हाथ लगी है। उन्होंने बताया कि जिस खेत में तीन साल पहले वे गन्ना की उपज से एक लाख रुपये तक कि आमदनी होती है, उसी खेत में अब बेर की खेती कर एक साल में चार से पांच लाख रूपये तक कि आमदनी कर रहे हैं।

इनका मानना है कि ग्रामीण क्षेत्र में परंपरागत खेती से गैर परंपरागत खेती की ओर किसानों के रुझान और कृषि के बदलते ट्रेंड से गाँव के किसानों की आमदनी कई गुणा तक बढाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि जहां एक एकड़ खेत मे गन्ने की खेती कर अधिकतम एक लाख रुपये तक सलाना कमाते थे। उसी खेत में विगत तीन साल से बेर की खेती कर सलाना पांच लाख रुपये तक कमाने लगे हैं, साथ ही उसी खेत मे क्रॉप फार्मिंग की तहत एक साल में तरबूज और बैंगन भी बेर के खेत मे उपजा लिया जाता है।

परम्परागत कृषि से गौरपरम्परागत कृषि के ओर रुख करने से बढ़ी कई गुणा कमाई : बेगूसराय में उन्नत खेती के तहत जिले के कई क्षेत्र में बेर की खेती की जा रही है। इसी कड़ी में खम्हार निवासी किसान मन्टुन सिंह कृषि में नित नए अध्याय लिख रहे हैं। ये 2019 में गैर परम्परागत कृषि की ओर रुख किये थे । करीब एक एकड़ में बेर की खेती कर रहे हैं। जिसमें 500 से 600 बेर के पेड़ लगे हुए हैं। यह पौधा कोलकाता से मंगाए गए थे । इसको रोपने के बाद इसमें जैविक खाद का प्रयोग किया और पानी सिर्फ गर्मी के समय में लगता है। अगस्त सितम्बर माह में पेड़ में फल लगने लगते हैं जो जनवरी माह से टूटने भी लगते हैं। इनके बेर का वंसत पंचमी के समय बाजार में काफी डिमांड भी रहता है। एक ही खेत मे क्रॉप फार्मिंग के तहत तरबूज और बैंगन भी लगाए जाते हैं। जिससे दोनों नगदी फसलों से आमदनी बढाई जा रही है। जहां एक एकड़ में बेर उपजने में सवा लाख रुपया तक खर्च हुए । वहीं सलाना पांच लाख तक आमदनी भी इन्होंने किया ।

बेगूसराय शहर स्थित फलमंडी में भेजते हैं बेर : बेर की मार्केटिंग कैसे की जा रही है इस सिलसिले में किसान ने बताया कि अपने खर्च से फलमंडी तक बेर को भेजा जाता है जहां करीब तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बिक जाता है। वहीं दूसरी तरफ आसपड़ोस के क्षेत्र के स्थानीय गाँव से खुदरा विक्रेता भी खेत पर आकर खरीदते हैं और ठेले पर घूम घूम कर बेचते हैं। जिससे मार्केटिंग भी आसानी से हो जा रही है। उन्होंने बताया कि वसंत पंचमी को लेकर अभी मार्केट से डिमांड भी बढ़ा हुआ है। ज्यादा से ज्यादा लोग इस प्रकार की खेती से जुड़कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।