बिहार के सीएम के गृह जिला से चल रहा फर्जीवाड़ा हुआ उजागर, द‍िल्‍ली और मुंबई के लोगों को ऐसे बनाया जा रहा है साइबर ठगी का शिकार

डेस्क : बिहार में लंबे समय से ऑनलाइन ठगों का एक सक्रिय गैंग काम कर रहा है। इस गैंग का नाम छोटू चौधरी गैंग है। बता दें कि इस गैंग का मुख्य पेशा लोगों से फोन पर ऑनलाइन ठगी करके पैसे कमाना है। इस गैंग ने दिल्ली एनसीआर मुंबई सहित अन्य बड़े राज्यों के दर्जनों लोगों को अपना शिकार बनाया है । गैंग का मुख्य सरगना छोटू चौधरी फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। बिहार के नालंदा जिले से इन लोगों ने सबसे ज्यादा साइबर क्राइम के मामलों को अंजाम दिया है। यहाँ ऑनलाइन ठगों का एक बड़ा नेक्सेस काम कर रहा है। बता दें बिहार के नालंदा जिला राज्य के सीएम नीतीश कुमार का गृह जिला है।

आसान भाषा में कहें तो इस गैंग के ठगों ने 100 लोगों से भी ज्यादा लोगों को चूना लगाया है। पीड़ित शरद चंद्र जिन्होंने इस गैंग के खिलाफ शिकायत की उनका कहना है कि उनके परिवार से एक व्यक्ति कोरोना वायरस संक्रमण हुआ था, जिसके चलते उनको ऑक्सीजन सिलेंडर की आकस्मिक जरूरत पड़ गई थी। दिल्ली में कहीं भी ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध नहीं था, जिसके चलते उन्होंने अनेकों अस्पताल में खोजबीन शुरू की। कई अस्पतालों में चक्कर काटने के बाद उनको कहीं भी सिलेंडर नहीं मिल पाया। वह अपने परिजन की जान बचाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार थे। वह कैसे भी बस ऑक्सीजन सिलेंडर लेना चाह रहे थे। ऐसे शरद चंद्र ने सोशल मीडिया पर अनेकों नंबर ढूंढें जिसके बाद उनको कुछ मोबाइल नंबर मिले और उन्होंने मोबाइल नंबर पे कॉल किया, दूसरी ओर से शातिर बदमाशों ने फोन उठाया। उन शातिर बदमाशों ने ऑक्सीजन सिलिंडर के नाम पर हजारों रुपए शरद चंद्र से वसूल लिए ।

साइबर क्राइम का ऐसे हुआ भण्डाफोर जिस पुलिस ने 4 बदमाशों को पकड़ा वह दिल्ली पुलिस के अंतर राज्य साइबर क्राइम की टीम है जिसने बिहार पहुंच इस गैंग का पर्दाफाश किया। इस गैंग के लोगों ने कई राज्य के लोगों के साथ झूठा वादा करके लाखों रुपए ठग लिए और सबको एक ही तरीके से बेवकूफ बनाया। ऑनलाइन ठगी का मामला साइबर क्राइम से जुड़ा होता है, इसलिए ऑक्सीजन गैस सिलेंडर के दौरान जो भी पैसे ठगे वह सब साइबरक्राइम के अंदर आते है। फिलहाल छोटू चौधरी गैंग के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तारी के दौरान उनके पास 23 एटीएम कार्ड, 22 मोबाइल, 9 मोबाइल सिम नंबर मिला है। उनके पास से पासबुक, लैपटॉप, चेक बुक, बैंक खाता और अन्य दस्तावेज भी मिलें है। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है इसमें दीपक – गांव बिजभानपुर ,जिला नालंदा का रहने वाला, श्रवण – नीमगंज , बिहार शरीफ ,नालंदा का रहने वाला और मिथलेश — नरसलीगंज , बिहार शरीफ ,नालंदा का रहने वाला है।ज्यादा जानकारी के लिए बता दें कि इस गैंग में 200 से ऊपर लोग शामिल है।

साइबर सेल के डीसीपी अन्येष राय का कहना है कि इस बार ज्यादातर कॉल बिहार से की जा रही है। यह गैंग बीते 3 वर्षों से सक्रिय रूप से काम कर रहा है।जो लोग इस गैंग में शामिल है वह काफी कम उम्र के हैं क्योंकि कम उम्र के लोगों को मौज मस्ती करने के लिए और अपने लालच को पूरा करने के लिए आसान विकल्प चाहिए होता है। लेकिन धीरे-धीरे करके छोटी उम्र के लोग शातिर अपराधी भी बन जाते हैं। क्राइम ब्रांच को गुप्त सूचना मिली थी कि बिहार के नालंदा एवं बिहार शरीफ में कई ऐसे फर्जीवाड़े चल रहे हैं जिनमें छोटू चौधरी के लोग शामिल है।

क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने एक अलग से एक मुहिम चलाई जिसके जरिए इस गैंग का भांडा फोड़ किया गया। बता दें कि इस क्राइम ब्रांच की स्टेट ब्रांच में स्पेशल कमिश्नर प्रवीन रंजन, एडिशनल कमिश्नर सुरेश सिंह और डीसीपी मोनिका भारद्वाज शामिल थे। इस पूरी टीम के साथ एसीपी संदीप लांबा इंस्पेक्टर विवेकानंद झा, सब इंस्पेक्टर लोकेंद्र, संजय एएसआई, धर्मेंद्र, श्रीपाल, हेड कॉन्स्टेबल विनोद शामिल थे। फिलहाल चारों आरोपियों की दिल्ली में पूछताछ चल रही है। डीसीपी मोनिका भारद्वाज का कहना है कि जब हम लोगों ने ध्यान से देखा तो पाया की अन्य बैंक खातों में पैसे को ट्रांसफर किया जा रहा है। सभी बैंक अकाउंट की जानकारी निकलवाई जा रही है जिससे बाकी गैंग के लोगों का पता चल सके।