मंझौल में भी कोरोना ने पसारा पाव, नहीं सम्भल रहे हैं लोग, दो पॉजिटिव की हुई पुष्टि

मंझौल : बेगूसराय के मंझौल अनुमंडल मुख्यालय मंझौल में अब कोरोना वायरस का प्रसार धीरे धीरे होने लगा है। 14 जुलाई को एक बीएमपी जवान की पॉजिटिव पुष्टि होने के हफ्ते भर बाद एक और जवान एवं एक कपड़ा व्यवसायी के पॉजिटिव होने की पुस्टि हुई है।विश्वस्त सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार पहले जवान के पॉजिटिव आने के बाद उसके सम्पर्क में आये अन्य जवानों को कोरेण्टायन कर दिया गया था।

जिसके जांच सेम्पल के रिपोर्ट आने के बाद पॉजिटिव पुष्टि होते ही बेहतर इलाज के लिये बेगूसराय भेजा गया है। वही एक अन्य कपड़ा व्यवसायी जिसके घर पर होंम कोरेण्टायन का पोस्टर साटा है। वो कोरोना का इलाज के लिए पटना गया हुआ है। संक्रमण के मिलते जुलते लक्षण पर संदिग्ध अवस्था इलाज के लिए जाने पर कोरोना जांच में पॉजिटिव पाया गया। इस बात की खबर कानों कान लगते ही लोगों में डर का माहौल व्याप्त हो गया है। मंझौल ओपी अध्यक्ष सुबोध कुमार ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के कारण लोगों को ज्यादा डरने की बात नहीं है। लॉक डाउन लगा हुआ है, बिना काम के और बिना मास्क के बाहर निकलने बालों पर पुलिस की पैनी नजर है। ऐसे लोगों पर विधिवत कारवाई भी की जा रही है।

पुलिस के साथ आंख मिचौली करते हैं मंझौल के दुकानदार 31 जुलाई तक लगाये राज्यव्यापी लॉक डाउन के अनुपालन को लेकर मंझौल पुलिस की गश्ती टीम के बाजार से गुजरने पर बाजार के गैर आवश्यक समान बाले सभी दुकानों का शटर बंद रहता है। लेकिन जैसे ही गश्ती गाड़ी बाजार से निकलती है खुल जा सिम सिम के तरह आधे दुकान के लगे हुए शटर खुलने लगते हैं। दरअसल एक कपड़ा दुकानदार के पॉजिटिव आने के बाद गुरुवार को भी कुछ कपड़ा दुकानदार नुकाछीपी करते हुए दुकान खोले हुए थे।

नहीं रुक रहा है महिलाओं का बाजार आना लॉक डाउन में मंझौल ओपी में महिला पुलिस बल नहीं होने के कारण बाजार आये महिलाओं को रोकने पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है। चूड़ी की दुकान , श्रृंगार की दुकानें रोज खुलती है सब्जी खरीदने के नाम बाजार आने बाले महिलाएं चूड़ी , लहठी और अपने जरूरत की समान की खरीदारी रोज कर रहे है।लेकिन ज्यादातर लोग बिना मास्क के होते हैं और पुलिस को देखते हु घूंघट या दुप्पटा से नाक ढकने कोशिश करते हैं। लॉक डाउन का अनुपालन कर रहे क्षेत्र के बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों ने इस बारे कहा कि प्रशासन के जिम्मे सबकुछ छोड़कर अपनी नैतिकता को ताक पर रखने बाले लोगों के कारण ही कोरोना का सामाजिक संक्रमण हो रहा है। ऐसी स्थिति बनी रही तो लॉक डाउन का कोई मतलब ही नहीं है। क्योंकि चंद गैरजिम्मेदाराना हरकत बाले लोगों के कारण सम्पूर्ण समाज का एक बड़ा आबादी कोरोना से ग्रस्त होने कगार पर पहुंच जाएगा ।