किसान आंदोलन के नाम पर देश को अस्थिर करने की चल रही है अंतरराष्ट्रीय साजिश : सांसद प्रो राकेश सिन्हा

बेगूसराय : राज्यसभा सदस्य प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विरासत को, विरासत के भाव को और संस्कृति को याद करने का अवसर दिया है। डिजिटलाइजेशन का ह्यूमनाइजेशन करना होगा, जो मजबूरी और गरीबी के कारण डिजिटल बनने में सक्षम नहीं हैं, उनके लिए डिजिटल विभाजन को समाप्त करने का विशेष अभियान चलाना होगा।

शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षक संघ बेगूसराय के सभागार में गढ़पुरा नमक सत्याग्रह गौरव यात्रा समिति द्वारा आयोजित समस्याएं एवं समाधान विषय पर परिचर्चा को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा किसान आंदोलन के नाम पर देश को अस्थिर करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश चल रही है। इस साजिश के प्रति लोगों को सतर्क रहना होगा, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देश किसान आंदोलन के नाम पर फंडिंग कर देश को विभाजित करने की साजिश रच रहे हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार झुकने वाले नहीं है, कानून किसी भी हालत में वापस नहीं होगा।

कानून में स्पष्ट है कि किसानों की जमीन कोई खरीद नहीं सकता है, अभी किसान ब्याज पर कर्ज लेकर खेती करते हैं, लेकिन इस कानून से बाहर से आए पूंजी के सहारे विकास होगा, फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगेगी। उन्होंने कहा कि हर समय हर मंच पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। बिहार राष्ट्रीय राष्ट्रवाद की जननी है, यहां के लोगों ने भारत के किसी भी भूभाग में कभी अंतर नहीं समझा। सालों भर जिंदाबाद-मुर्दाबाद करने से एक जमात बन जाता है, लेकिन मुद्दा पीछे छूट जाता है। राजनीति की धारा बदलने से राजनेता समाज से दूर होते जा रहे हैं, उस धारा को फिर बदलना होगा।

महात्मा गांधी, दीनदयाल उपाध्याय और राम मनोहर लोहिया के देश में राजनीति की धारा, शुद्ध विकास की धारा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश स्वतंत्रता के 75 वें सालगिरह में प्रवेश कर चुका है। स्वतंत्रता संग्राम में बेगूसराय की अहम भूमिका रही है। यहां स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान हुई घटना तथा स्वतंत्रता सेनानी के इतिहास का संकलन करने के लिए एक समिति बने और वह समिति 2022 तक एक किताब का प्रकाशन करे, इसके लिए प्रयास करेंगे। उस किताब से इतिहास में जाने का, इतिहास को जानने का अवसर मिलेगा। सरकार बड़ा कार्य कर रही है, हम बेगूसराय में श्रीबाबू के नाम पर म्यूजियम बनाने का मुद्दा राज्यसभा में उठाएंगे, संबंधित मंत्रियों से मिलेंगे।

राजनीति की दिशा दूसरी ओर जा रही है, लेकिन मैं अपने रास्ते से भटकूंंगा नहीं। जिला के दो गांव बरैपुरा और अपने गांव मनसेरपुर को गोद लिया हूं। इस दोनों गांव को एक सौ प्रतिशत डिजिटल करूंगा, सभी को डिजिटल शिक्षा दिलवाना, प्रतिभावान के लिए कंप्यूटर की व्यवस्था कर लूंगा। बेगूसराय नए-नए उद्योगों का हब बनने जा रहा है। बिहार के उद्योग मंत्री बेगूसराय में प्लास्टिक इंडस्ट्री खोलने तथा बंद पड़े रेशम उद्योग को पुनर्जीवित करने का प्रयास शुरू कर चुके हैं। इसके अलावा 64 एकड़ में एक नई प्राइवेट कंपनी बनने जा रही है, जिसमें 350 लोगों को प्रत्यक्ष एवं दो हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इसमें 50 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को मिलेगा। जनता से जुड़ने पर एक ना एक दिन परिवर्तन अवश्य आएगा। इस मौके पर लोगों ने विकास के मुद्दे पर कई सवाल उठाए, जिसका उन्होंने क्रमवार तरीके से जवाब दिया और सभी मुद्दोंं के समाधान की दिशा में पहल करने की बातें कही।