बेगूसराय में शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी को दिखाया काला झंडा, लगाया मुर्दाबाद का नारा

बेगूसराय : बिहार सरकार के भवन निर्माण और शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी को बुधवार को बेगूसराय में भारी विरोध का सामना करना पड़ा। शिक्षक नियोजन की मांग करने वालों ने जहां मुर्दाबाद का नारा लगाया।

जिस पर शिक्षा मंत्री भड़क गए। वहीं, कॉलेज परिसर से निकलने के बाद दर्जनों युवा ने शिक्षा मंत्री की गाड़ी को चारों ओर से घेरकर काफी दूर तक काला झंडा दिखाया। जीडी कॉलेज के स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने आए अशोक चौधरी ज्यों ही मंच पर पहुंचे की शिक्षक नियोजन प्रक्रिया पूरी करने की मांग को लेकर सीटीईटी-टीईटी पास अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री मुर्दाबाद का नारा लगाते हुए जमकर पोस्टर लहराया। वहीं, काफी देर तक शिक्षा मंत्री हाय-हाय करते रहे। शिक्षक नियोजन प्रक्रिया पूरी करने की मांग को लेकर विरोध कर रहे अभ्यर्थियों का कहना था कि 94 हजार प्रारंभिक शिक्षक बहाली प्रक्रिया जुलाई 2019 से चलकर 2021 तक आ गई है।

लेकिन विभिन्न कारणों से यह बहाली प्रक्रिया प्रभावित होती रही है। जिससे सभी शिक्षक अभ्यार्थी परेशान, हैरान और चिंतीत हैं। वे आज शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक कष्टों और पीड़ाओं के दौर से गुजर रहे है। यहां तक कि कई बार आत्महत्या करने का विचार आ रहा है। भारी विरोध को देखते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस तरीके से नौकरी नहीं मिलती है। मांगने के लिए झुकना पड़ता है, लेकिन आप लोग जो कर रहे हैं यह अनुशासनहीनता है। दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है। ऐसे में सरकार नौकरी नहीं देगी, सर्टिफिकेट लेकर घूमते रहिएगा। नियोजित शिक्षकों ने बिहार के शिक्षा व्यवस्था की क्या दशा कर दी है यह किसी से छुपा हुआ नहीं है, इन लोगों ने बिहार के शिक्षा व्यवस्था को रसातल में पहुंचा दिया।

कार्यक्रम के बाद शिक्षा मंत्री के काफिले को कॉलेज गेट के बाहर काफी दूर तक दर्जनों छात्र और बेरोजगारों ने काला झंडा दिखाया। काला झंडा दिखा रहे छात्र राजद के कार्यकर्ताओं का कहना था कि चुनाव से पहले बेगूसराय में विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की गई थी। लेकिन अब सभी चुप हैं, शिक्षा मंत्री ने इस संबंध में कोई चर्चा तक नहीं की। जबकि बेगूसराय दिनकर विश्वविद्यालय बनने की सभी अहर्ता पूरी करता है। जिला के गौरवशाली महाविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह जिले के चार विधायक को बुलाया नहीं गया। सिर्फ एनडीए के विधायकों को बुलाया गया, यह गलत परिपाटी है राजद और सीपीआई के विधायक को क्यों नहीं बुलाया गया।