राजेन्द्र सेतु ठप होने से आयी मालवाहकों के कारोबार में गिरावट : वैकल्पिक रस्ते की मांग

बेगूसराय : राजेन्द्र पुल के बंद होते ही अनेकों व्यवसाय पर पड़ा असर, सभी प्रकार के माल ढोने वाले वाहन पर लग गयी ब्रेक, इसके ठप होते ही कई जिलों की परेशानियां बढ़ा गयी हैं। मज़दूरों के स्तर से लेकर व्यावसायिक स्तर के लोगों पर इसका भारी प्रभाव पड़ा है। राजेन्द्र पुल पर रोक लगाने से लाइफ लाइन सुरक्षा बढ़ जाएगी पर यहां तो घटती नज़र आ रही है।

वाहन के मालिकों का तो बुरा हाल हो गया है इसमें से गोपाल कुमार, चंदन कुमार, मुकेश कुमार और अन्य वाहन मालिकों के कहना है कि अगर इस पुल को आप के बंद करा है तो कोई वैकल्पिक रास्ता भी खोज के दीजिये अन्यथा हमे काफी संकटों से जूझना पड़ रहा है। इस तरीके से हमारी कार्य शैली पर पाबंदी लगा दी गयी है जिसका कोई मतलब नही बनता है।

राजेन्द्र पुल पर 3 दिसंबर से माल वाहनों का आना जाना ठप पड़ है। वाहनों के मालिकों के कहना है कि अगर राज्य सरकार और जिला प्रशासन विचार बनाते हैं तो ज़रा दो तरफ विचार विमर्श करें क्योंकि परिचालन पर रोक ज़रूरी थी तो मोटर , बालू के व्यवसाय को ठप करके क्या मिला , लोगो की रोटियां छीन लेना किसी समस्या का हल नही है।

ऐसे में माल वाहन के ठप होने से लोगो को समान खरीदने में दोगुने दाम भी चुकाने पड़ सकते है, और इसका असर सीधा आम लोगो पर देखने को मिल सकता है। घर बनाने के समान, भूसा और सब्जी के दामों में फिलहाल कोई राहत नही मिल सकती है।