डेस्क : जिले में बूढ़ी गंडक के जलस्तर में हुई जबरदस्त कमी के बाद अब गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि के कारण गंगा किनारे बसे बलिया, शामहो,तेघड़ा मटिहानी इत्यादि क्षेत्रों में हजारों एकड़ में लगे सोयाबीन एवं मक्के की लहलहाती फसल अब बाढ़ की चपेट में आ गयी है। कई इलाकों को मुख्य सड़क से जोड़ने बाले ग्रामीण सरक का पानी के कारण एक दूसरे से सम्पर्क टूट चुका है। दियारा क्षेत्र में बाढ़ के पानी में हरा चारा डूब जाने के कारण पशुओं के लिए हरा चारा की किल्लत होने लगी है। पशुपालक पशु चारा के लिए कोसों पानी के झबार झेलकर लाने को मजबूर हो रहे हैं।
परिचालन के लिए नाव की हो गयी है व्यवस्था कुछ लोग सड़क पड़ बहती पानी की धार के खतरों को झेलकर अपने जरूरी कामों के लिए निकल रहे हैं। जगनसैदपुर झगराहा गांव चारों तरफ से गंगा के पानी से घिर गया है । जिले के शामहो प्रखण्ड के ग्रामीणों ने प्रशासन से गांव के लिए नाव की मांग की है। प्रसासनिक स्तर से मिली जानकारी के अनुसार नाव का निबंधन हो चुका है। उन्होंने कहा बाढ़ के पानी से जिस भी गांव का संपर्क सड़क कटा है पानी बढ़ने पर एक दो दिन में वहां नाव चलाई जाएगी ।