ड्रिप सिंचाई कम पानी में अधिक उपज और रसायनिक उर्वरक आसानी से खेतों में डालने का बेहतरीन तरीका जाने किसानो के लिए क्यों जरूरी है

डेस्क : छौड़ाही के गौड़ीडीह के प्रगतिशील किसान ड्रीप सिंचाई के जरिये खेतीबाड़ी का तौर तरीका। कम लागत में समय की बचत के साथ अधिक उपज पाने का तरीका। गन्ना किसानों के लिये वरदान साबित हो रही है ड्रीप विधि। यह सिंचाई की एक आधुनिक विधि है। सिंचाई की इस बीच में पानी पौधों को उनकी आवश्यकता अनुसार बूंद-बूंद करके पौधों के पास दिया जाता है। इस विधि का प्रयोग फल फूलों तथा सब्जी की फसलों के लिए अति उत्तम माना जाता है।ऐसे क्षेत्रों जहां पर सिंचाई के पानी की कमी हो,भूमि रेतेली हल्की अथवा दोमट किस्म की हो वहां पर इस विधि से सिंचाई करने से लाभ होता है।

अमुमन ड्रीप सिंचाई के माध्यम से रसायनिक उर्वरक खेतों में डालने में भी खाद रसायनिक उर्वरक और अन्य दवाइयों को भी दिये जाने में काफी सहुलित होती है।छौड़ाही प्रखंड के गौड़ीडीह के प्रगतिशील युवा किसान कुमार सुदर्शन सिंह ड्रीप सिंचाई के जरिये कम लागत में अधिक उपज के लिये खेतीबाड़ी कर रहें हैं।प्रगतिशील युवा किसान कचमार सुदर्शन ड्रीप सिंचाई के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि इस विधि से पानी पटवन के साथ साथ फसलों में उपयोग करनेवाले रसायनिक उर्वरक की काफी बचत होती है,और किसानों का अच्छा खासा रकम भी बच जाता है।

प्रगतिशील किसान कुमार सुदर्शन बताते हैं कि एक एकड़ गन्ने की खेती करने के लिये समान्य तरीके से करने में सिंगल सुपर फाँस्फेट तीन बोरा की कीमत 1350 रूपये,एक बोरा पोटास का 900 रूपये,एक बोरा यूरिया 300 रूपये,मजदुर खाद छीटने में कम से कम 300 रूपये को जोड़कर 2800 रूपये लगता है,लेकिन ड्रीप के साथ खाद देने में एनपीके तीन किलोग्राम 85 रूपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से 255 रूपये,रसायनिक दवा 100 रूपये को मिलाकर 705 रूपये लगता है।प्रगतिशील किसान कुमार सुदर्शन बताते हैं कि बिना ड्रीप के खाद में 2800 रूपये लागत,जबकि ड्रीप से खाद देने में महज 705 रूपये का खर्च आता है।अगर समान्य तौर पर देखे तो 2800 में से 705 रूपये घटा देते हैं,तो तकरीबन 2095 रूपये का बचत एक एकड़ में होता है।

प्रगतिशील किसान कुमार सुदर्शन बताते हैं कि गन्ना की फसल में कम से कम तीन बार सिंचाई करना पड़ता है। इस लिहाज से देखें तो तीन बार के पटवन में 6285 रूपये का बचत होता है।जबकि पटवन में एक एकड़ में 50 रूपये बिजली बिल पुरे एक दिन का समय और एक दिन के मजदुर का खर्च 300 रूपये लगता है।ड्रिप से पटवन में एक एकड़ खेत में महज एक घंटा पन्द्रह मिनट में पटवन हो जाता है। गन्ने में खाद और पटवन में 8 पानी देना पड़ता है।एक हिसाब से देखा जाय तो 340 से 8 को गुणा करते हैं तो 2750 रूपये होता है।जबकि ड्रीप द्वारा खेती करने में 6285 में 2720 को जोड़ देते हैं,तो 9005 रूपये का बचत होता है।

प्रगतिशील किसान कुमार सुदर्शन बताते हैं कि हमलोगों को गन्ना उपज करने में किसान शेयर के रूप में हसनपुर चीनी मील 10 और 12 को मिलाकर 22 प्रतिशत दिया जाता है।उन्होंने बताया कि बिना ब्याज के तीन साल में वन थर्ड कर रूपये लिया जाता है।हसनपुर चीनी मील की ओर से भरपुर किसानों को सहयोग मिलता है,जबकि इस पर 12 प्रतिशत जीएसटी है।किसानों के लिये ड्रीप सिचाई वरदान साबित है।