डॉ रमण बने अध्यक्ष व डॉ विवेक बने सचिव

बखरी: राष्ट्रीय कवि संगम के बखरी इकाई का गठन मंगलवार को बखरी के डा0रमण झा के आवास पर आयोजित बैठक में की गई । जिला अध्यक्ष प्रभाकर कुमार राय की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बखरी प्रखंड इकाई के जिला अध्यक्ष डा0रमण कुमार झा, संरक्षक अरुण कुमार सिंह, मार्गदर्शक अजय कुमार कुमार साह, उपाध्यक्ष कन्हैया लाल साह, सचिव डा0 विवेक कुमार, महासचिव कृष्णा मुरारी, कार्यक्रम प्रभारी कविराज, कोषाध्यक्ष अभिषेक कुमार, मीडिया प्रभारी राजन कुमार मनोनीत किये गए ।

नागरिकता कानून को बना दिया सब हौआ है, कान सलामत अपनी जगह पर ढूंढ रहा सब कौआ है….राष्ट्रीय कवि संगम की बखरी इकाई का गठन

इस अवसर पर दूसरे सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया । जेएनयू के छात्र कवि सत्यम भारती ने अपनी कविता ” मैं जुल्मों की रवानी, अमीरों की मनमानी लिखता हूँ, मेहनते तख्त से कामयाबी की कहानी लिखता हूँ, मैं शहीदों की जवानी भगत की कुर्बानी लिखता हूं” इस पर खूब तालियां बटोरी । कवि सुंदरम गांधी ने “सुबह से शाम दिसम्बर है बड़ा बदनाम दिसम्बर है कि तेरा नाम दिसम्बर है कि मेरा नाम दिसम्बर है”।

वरिष्ठ कवि प्रफ्फुल चंद्र मिश्रा कि कविता “नागरिकता कानून को बना दिया सब हौआ है, कान सलामत अपनी जगह पर ढूंढ रहा सब कौआ है । वहीं बाल कवि केशव प्रभाकर ने “दौलत और इज्जत को तौला जा नहीं सकता, जैसे बिना चावी के ताले को खोला जा नहीं सकता”। संस्था के सदर प्रखंड के अध्यक्ष सह बाइट कम्प्यूटर के निदेशक संजय कुमार सिंह ने अपनी रचना “धरती पर स्वर्ग अगर कहीं है तो वह बखरी सलोना है यहां पर दुर्गा मां उजान बाबा बहुरा मामा है…

देवनीति राय ने “हरा समंदर गोपीचन्दर बोल मेरी मच्छली कितना पानी” सुनाकर ठंढी में गर्मी ला दिया । कवि सम्मेलन में महासचिव राणा कुमार सिंह, डा0 सुमन कुमार, कन्हैया लाल साह आदि ने कविता पाठ किया । अध्यक्ष प्रभाकर कुमार राय ने कमिटी की घोषणा करते हुए साहित्य व संस्कृति को आगे गति देने का आह्वान किया । नव मनोनीत पदाधिकारी को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया जबकि नव मनोनीत अध्यक्ष डा रमण कुमार झा ने कवियों को चादर से सम्मानित किया । संचालन कवि संजय कुमार सिंह ने किया ।