बेगूसराय, बरौनी : फुलवड़िया थाना क्षेत्र के निपनियां मधुरापुर पंचायत अंतर्गत वार्ड 7 गुप्ता लखमिनियां बांध पर बसे हुए दर्जनों मोची समुदाय के परिवार के घरों में आग लग जाने से 7 से अधिक घर जलकर राख हो गये।जबकि आग पर काबू पाने के प्रयास में 3 से अधिक झोपड़ी नुमा घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।आग में सत्य नारायण दास का पोता एवं रूपेश दास के छह माह का पुत्र रोहन कुमार का भीषण आग के चपेट में बुरी तरह झुलस कर मौत हो गई।
आग की लपटें देखकर ग्रामीणों में कोहराम मच गया और बांध पर रहकर किसी तरह गुजर बसर करने वाले परिवार के लोग जान बचाने के लिए इधर उधर भागने लगे।आग की लपटें इतनी तेज थी कि देखते ही देखते मिनटों में दर्जनों झोपड़ीनुमा घर भयंकर आग की चपेट में आ चुका था।वहीं ग्रामीणों के अनुसार गैस सिलेंडर से आग लगने की बात बताई जा रही है।और चुंकि खाना बनाने का समय था सो आग लगने के बाद अन्य घरों के तीन चार सिलेंडर में आग लगी जिस कारण आग ने तुरंत भयावह रूप ले लिया।
10 से अधिक घर तबाह सैकड़ों लोग हुए बेघर : बुधवार की देर रात 8:30 बजे निपनियां मधुरापुर गुप्ता लखमिनियां बांध पर अचानक आग की लंबी लंबी लपटों को देखकर और लोगों की चित्कार सुनकर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण बचाव कार्य के लिए जबतक पहुंचते आग ने भयंकर रूप ले लिया।लेकिन ग्रामीणों ने हौसला नहीं हरा और राहत कार्य में लगे रहे।इस दौरान ग्रामीण बलराम,मुन्ना के बचाव कार्य के दौरान घायल होने की भी सूचना है।
गुरूवार की सुबह जब घटना स्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों से बात की गई तो पता चला कि 7 घर आग लगने के कारण पूरी तरह खत्म हो गया।जबकि आग पर काबू पाने के प्रयास में 4 घर क्षतिग्रस्त हो गया।वर्तमान में घटनास्थल पर पीड़ित परिवार के सामने भीषण गर्मी और बरसात के इस मौसम में सर छुपाने के लिए घर, पेट भरने के लिए अनाज और तन ढंकने के लिए कपड़ा की गंभीर समस्या बनी हुई।जबकि घटनास्थल सरकारी स्तर पर प्रखण्ड स्तर पर चलाये जाने वाले राहत कार्य नकाफी हैं।जिससे पीड़ित परिवार एवं ग्रामीणों में आक्रोश भी देखा जा रहा है।
40 मिनट बाद पहुंची दमकल : स्थानीय कुंदन कुमार,विरेन्द्र कुमार,मनोरंजन कुमार,अर्जुन राय,विकास कुमार आदि दर्जनों ग्रामीणों ने कहा आग लगने की घटना और बचाव राहत कार्य के लिए तेघड़ा सीओ जलालुद्दीन अख्तर को फोन किया गया।लेकिन 40 मिनट तक न दमकल आई न सरकारी स्तर पर कोई मदद।साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि स्थिति भयावह देखकर जब सीओ तेघड़ा को फोन कर जल्दी दमकल और सरकारी सहायता भेजे जाने की बात कही तो उन्होने फोन उठाना ही छोड़ दिया।
और जब हजारों की संख्या में निपनियां मधुरापुर के सभी ग्रामीणों ने स्वयं के प्रयास से काफी हद तक आग पर काबू पा लिया।तब 40 मिनट बाद अग्निशमन कार्यालय की गाडी दमकल घटना स्थल पर पहुंचकर खानापुर्ती कर चली जाती है।ग्रामीणों ने कहा अगर सीओ साहब इस घटना पर तत्परता दिखाते तो हो सकता था कि तीन वर्षीय मासूम बच्चे की जान न जाती।घंटों बाद तेघड़ा सीआई को घटना स्थल पर देखा गया।