जिले में उर्वरक की अवैध बिक्री पर जिला प्रशासन सख्त- निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर बेचने पर होगी कार्रवाई

न्यूज डेस्क : जिले में उर्वरक खाद की कालाबाजारी को रोकने के लिए शुक्रवार को जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा के नेतृत्व में एक बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने बताया जिला प्रशासन खरीफ मौसम-2021 में जिले के किसानों को निर्धारित मूल्य पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा इसकी कालाबाजारी पर रोक लगाने को लेकर प्रतिबद्ध है। यदि किसी उर्वरक विक्रेता द्वारा निर्धारित एमआरपी (MRP) से अधिक मूल्य पर उर्वरक की बिक्री किए जाने के संबंध में सूचना प्राप्त होती है तो उसके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आगे उन्होंने कृषि अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा की इस आशय की जानकारी जिले के सभी थोक एवं खुदरा उर्वरक विक्रेताओं को देना सुनिश्चित करें। निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर बेचने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त होने की स्थिति में वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने जिला कृषि अधिकारी को कृषि समन्वयकों से उनके क्षेत्र में निर्धारित मूल्य पर उर्वरक की बिक्री के संबंध में मासिक घोषणापत्र प्राप्त करने का भी निर्देश दिया। डीएम ने सभी प्रखंड कृषि अधिकारियों को नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण संभावित फसल तथा पशुचारा की क्षति पर भी नजर बनाए रखने का निर्देश दिया। ताकि विभागीय निर्देश के आलोक में क्षतिपूर्ति की कार्रवाई संभव हो सके

जिले में इतने खाद उपलब्ध है: डीएम ने जिला कृषि अधिकारी से जिले में उर्वरकों की उपलब्धता एवं मूल्य निर्धारण की स्थिति, नमूना जांच के लिए किए गए संग्रहों की स्थिति तथा उर्वरक कालाबाजारी एवं छापेमारी से संबंधित मामलों की जानकारी प्राप्त की। इस संबंध में डीएओ ने बताया कि जिले में उर्वरक विशेष तौर पर यूरिया, डीएपी, एमओपी एनपीके एवं एसएसपी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

वर्तमान में जिले में

  • यूरिया : 12853.629 मेट्रिक टन
  • डीएपी : 300.786 मेट्रिक टन
  • एमओपी : 7723.205 मेट्रिक टन
  • एनपीके : 9310.865 मेट्रिक टन
  • एसएसपी : 1863.325 मेट्रिक टन

विभाग ने उर्वरक का दर भी निर्धारित किया है : बता दें कि विभाग की ओर से उर्वरक का निर्धारण कर मूल्य तालिका भी जारी की गयी है। इसके अनुसार किसी भी उर्वरक कंपनी की यूरिया 266.50 (45 किलो/बैग) रुपये निर्धारित है। वहीं किसी भी कंपनी की डीएपी 1200 रुपये प्रति बोरी की दर से बेचा जाना है। एमओपी खाद एनईएफ कंपनी 1100 रुपये, जीएसएफएल की 875 रुपये, पीपीएल की 1000 रुपये, कोरोमंडल इंडिया लि. की 850, सीएफसीएल की 945 रुपये तथा मोजैक इप्रालि 875 रुपये निर्धारित हैं।