DIG विकास वैभव जयमंगला गढ़ के ऐतिहासिक शोध का आलेख प्रस्तुत करेंगे, कहा यहां के प्राचीन…

डेस्क : युगों युगांतर से बेगूसराय के मंझौल अनुमंडल क्षेत्र में स्थित जयमंगला गढ़ का काफी स्वर्णिम इतिहास रहा है। मान्यताओं के अनुसार माता जयमंगला 52 शक्ति पीठों में से एक देवी हैं। कावर के टाल क्षेत्र के बीचों बीच स्थित माता जयमंगला का यह मंदिर मंझौल अनुमंडल मुख्यालय से मात्र सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

जयमंगला गढ़ मन्दिर , कावर झील की महत्ता इसी बात से लगाई जा सकती है कि हजारों एकड़ में फैले भूभाग में पुरातत्व विभाग ने पांच फीट से ज्यादा की खुदाई पर बिना इजाजत रोक लगाए हुए हैं। कहा जाता है बहुत प्रकार के धातु और अवशेष मिट्टी के अंदर हैं। दूसरे तरफ बिहार सरकार कावर क्षेत्र को वन पक्षी आश्रनी क्षेत्र के रूप में अधिग्रहित किया जा चुका है।

Jamangarh-Manjhaul

सोमवार को बिहार के तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी एटीएस डीआईजी विकास वैभव ने ट्वीट कर लिखा कि जयमंगलागढ़ के इतिहास से जुड़ी हुई तथ्यों के आलेख शीघ्र प्रकाशित करने की बात बताई है। उन्होंने कहा है कि सम्भव है कि यहां भगवान बुद्ध से जुड़े हुए अवशेष भी मिल सकते हैं। बताते चलें कि बेगूसराय निवासी डीआईजी विकाश वैभव एक तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी होने के साथ साथ लिखने में और घूमने में भी खासा रुचि रखते हैं। वे अक्सर अपने लिखे हुए आलेख सोशल मीडिया सहित प्लेटफॉर्म पर प्रस्तुत करते रहते हैं। इससे इनके लिखे हुए चीजों को पढ़ने के लिए एक पाठक वर्ग का विशेष तबका तैयार हो गया है।

उन्होंने लिखा कि बेगूसराय में है प्राचीन जयमंगलागढ़ जिसका इतिहास रहस्यमय है! कुछ समय के शोध ने ऐतिहासिक संभावनाओं से मुझे अत्यंत उत्साहित कर दिया है! संभव है कि भगवान बुद्ध का अस्थि कलश यहां के प्राचीन स्तूप में आज भी हो तथा प्राचीन “सिन-चे (चीनी नाम)” मंदिर के अवशेष भी! आलेख शीघ्र साझा करूँगा!