न्यूज डेस्क : जहां एक तरफ बिहार सरकार व जिला प्रशासन के द्वारा कोरोना के जंग में रोज नया – नया नियम जारी किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर निचले स्तर पर अनुश्रवण के अभाव में आदेश धरातल तक पहुंच ही नहीं रहा है। ऐसा ही एक मामला तेघरा प्रखण्ड से आया है। जहां एक कोविड पॉजिटिव परिवार को अब दैनिक उपयोग की वस्तुओं के भी लाले पड़ने लगे हैं। इसके कोई भी सुधि लेने को तैयार नहीं है। ब
ताते चलें कि प्रखंड विकास पदाधिकारी तेघरा के द्वारा दिनांक 13 अप्रैल 2021 को ज्ञापांक 637 पत्र के माध्यम से कोरोना महामारी के रोकथाम एवं समुचित निगरानी के लिए कोरोना संक्रमित परिवारों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति एवं समन्वय स्थापित करने के लिए कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई। जिसके अंतर्गत प्रखंड के अलग-अलग पंचायत एवं उनके वार्ड में संक्रमित लोगों की देखभाल एवं दैनिक उपयोग की वस्तुओं पूर्ति हेतु विकास मित्र , कर संग्रहक , किसान सलाहकार, प्राथमिक शिक्षक , वार्ड सदस्य एवं ग्राम कचहरी के पंचों की नियुक्ति की गई । जिसके अंतर्गत शोकहरा पंचायत संख्या दो के वार्ड संख्या 9 में प्रथम पाली प्रातः 6:00 बजे से 2:00 बजे तक के लिए विकास मित्र मुकेश कुमार एवं द्वितीय पाली 2:00 बजे से रात्रि के 10:00 बजे तक के लिए गौरी शंकर कुमार पंचायत शिक्षक को नियुक्त किया गया । इसी तरह से अन्य संक्रमित क्षेत्र के जन सुविधा के लिए पदाधिकारियों के द्वारा पत्र जारी करके कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई ।
फोन करने पर सम्बन्धित लोग बना रहे बहाना उक्त वार्ड के कोविड संक्रमित अविनाश कुमार ने मोबाइल फोन पर आरोप लगाते हुए बताया कि कई बार संबंधित प्रतिनियुक्त विकास मित्र को फोन करके बुलाया भी गया । लेकिन वह टालमटोल करते हुए कभी बैठक का बहाना तो कभी शादी में जहां जाने का बहाना बनाकर आज तक मिलने के लिए नहीं आ सके हैं। बताते चलें कि कोविड संक्रमित लोगों के घरों के आगे प्रशासन के द्वारा बांस बल्ला बांध दिया जाता है और संक्रमित परिवार के लोग ना बाहर जा सकते हैं, और न ही उनके घर में किसी को प्रवेश की अनुमति शासन प्रशासन के द्वारा दिया जाता है ऐसे में प्रतिनियुक्त कर्मियों की एवं स्वास्थ्य कर्मियों की जिम्मेदारी होती है कि संक्रमित व्यक्ति के दैनिक उपयोग की वस्तुओं खाने पीने की वस्तुओं एवं दवाओं की समुचित आपूर्ति की जाए।
प्रखंड के कई ऐसे संक्रमित लोग हैं जिनके पास 10 दिन से अधिक बीत जाने पर भी ना कोई स्वास्थ्य कर्मी सुध लेने के लिए नहीं आ सका है। ना ही कोई प्रतिनियुक्त करने उनका हालचाल लेने या कोई सामान की आपूर्ति करने के लिए आया है । ऐसे में आवश्यक है कि पदाधिकारी इन प्रतिनियुक्त कर्मियों को सख्त निर्देश दे । ताकि दैनिक जीवन यापन में कोई कठिनाई न हो और प्रतिनियुक्ति के बाद अपना काम नहीं कर पा रहे हैं। उनके ऊपर कठोर कार्रवाई की अनुशंसा की जानी चाहिए ताकि इस वैश्विक महामारी के काल में मानव एवं मानवता जीवित रहे। इस सम्बंध में तेघरा बीडीओ से सम्पर्क करने की कोशिश की गई लेकिन किन्हीं कारणों से समाचार प्रेषण तक सम्पर्क नहीं हो पाया ।