बेगूसराय के बिजली उपभोक्ताओं की मांग, पहले ‘स्मार्ट बिजली’ फिर ‘स्मार्ट मीटर’…

Begusarai News : 24 घण्टे बिजली देने का दावा करने वाला बिजली विभाग जिले भर में 18 घण्टे भी निर्बाध बिजली नहीं दे पा रहा है। जिलाधिकारी तुषार सिंगला द्वारा बिजली विभाग के अधिकारियों को बिजली कि चुस्त दुरुस्त व्यवस्था को लेकर निर्देश दिए जाने के बाद भी बिजली विभाग की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ।

दरअसल, शहर से गाँव तक विभाग द्वारा सही से मेंटिनेंस कार्य न होने के कारण हल्की बारिश और हवा में भी घंटों बिजली गुल हो जाती है। हर रोज लोहियानगर, सरवोदय नगर, विष्णुपुर, नावकोठी, बीहट, मंझौल सहित कई इलाकों में बिजली गुल हो जाती है।

शहरी इलाके में लॉ वोल्टेज की समस्या दिनभर लोगों को परेशान करता रहता है। इतना ही नहीं बिजली कि शिकायत को लेकर उपभोक्ता जब कंट्रोल रूम पर फोन लगाते हैं तो अधिकांश समय बात ही नहीं हो पाती है। इससे जिले भर में बिजली को लेकर हाहाकार की स्थिति बनी रही।

बिजली की अघोषित कटौती से उपभोक्ताओं में आक्रोश

बता दें कि जिले भर में शहरी क्षेत्र के बाद देहात में भी स्मार्ट मीटर लगाने का काम विभाग द्वारा किया जा रहा है। उपभोक्ताओं का कहना है कि जब विभाग स्मार्ट मीटर के जरिये हमलोगों से पहले अपना बिल भुगतान करवा लेगा तो हमलोगों को व्यवस्था भी स्मार्ट दिया जाना चाहिए। पहले बिजली व्यवस्था ऐसा बहाल हो जिसमें उपभोक्ताओं तक 24 घण्टे बिजली पहुंच सके। इधर जिले भर में विभाग द्वारा रोजाना घण्टों बिना घोषणा के ही बिजली कट कर लिया जाता है। ऐसे में काफी परेशानी का करना पड़ा सामना।

बिजली विभाग के अधिकारी भी नहीं उठाते फोन कॉल

दिन भर बिजली की होने वाली समस्यायों को लेकर उपभोक्ताओं द्वारा इंटरनेट के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर नाराजगी दिखाई गई। जब शहरी एसडीओ, जेई सहित कार्यपालक अभियंता को लगातार कई बार फोन कॉल किया गया ताकि यह पता चल सके कि समस्या क्या है, पर किसी भी अधिकारी न कॉल रिसिभ और न ही कॉल बैक करना मुनासिब समझा। बाद में अधीक्षण अभियंता से जब फोन कॉल पर सम्पर्क कर फोन कॉल नहीं रिसिभ होने की शिकायत पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए व्यवस्था को ठीक करके का आश्वासन दिया।

बिजली मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। बिजली की खराब व्यवस्था जिले के आर्थिक प्रगति पर बहुत बड़ा प्रभाव डाल रही है। उद्योगों और व्यवसायों पर असर, मेडिकल उपकरणों का बाधित होना, घरेलू उपयोग में परेशानी, कृषि क्षेत्र पर प्रभाव, आर्थिक विकास में बाधा और लोगों के जीवन स्तर पर असर होने की समस्या बढ़ती जा रही है।