बेगूसराय : तंगहाली हालत में बेहतर इलाज के लिए जीवन मौत से जूझ रहा दलित युवक..

बेगूसराय : सरकार एक ओर दावे कर रही है गरीब, लाचार और विवश लोगों का इलाज मुफ्त में करवाया जाएगा. सबका साथ सबका विकास होगा। लेकिन, कुछ घटनाएं इस समाज में आती है जो सरकार के इन दावों के पोल खोल दे रही है। ताजा मामला जिले के तेघरा प्रखंड अंतर्गत रात गांव पंचायत के जयंती ग्राम विशौवा का है। जहां, 35 वर्षीय राजीव राम पिता स्वर्गीय कुशेश्वर राम के परिवार का गुजर बसर उसके मजदूरी पर टिका हुआ था ये बेंगलुरु शहर में मजदूरी करके अपने परिवार का गुजर बसर करते आ रहा था।

लेकिन वहीं पर से गंभीर बीमारी से ग्रसित होकर साल भर पूर्व अपने घर वापस आना पड़ा। सदर अस्पताल से रेफर करने के बाद पटना के आई जी एम एस में भर्ती करवाया गया जहां ब्लड की मांग हुई सरपंच सुमित्रा देवी एवं वार्ड सदस्य सुशील राम ने अपने ग्रामीणों के सहयोग से जन सहयोग राशि के माध्यम से इलाज चलाई गई। वहां से आने के दो माह बाद स्थिति बिगड़ने लगी ज्यादा बिगड़ने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी संदीप कुमार पांडे के पहल पर गोल्डन कार्ड मुहैया करवाई गई जिससे राजीव का इलाज बेगूसराय ग्लोबल अस्पताल में चला।

मरीज का दोनों किडनी फेल है वहां भी डॉक्टरों के द्वारा ब्लड, दवा एवं जांच की पैसा अलग से व्यवस्था करवाने की बातें कही गई जिससे लाचार परिवार का इलाज संभव नहीं हुआ। स्थिति बिगड़ने पर आज गुरुवार को वार्ड सदस्य सुशील राम एवं ग्रामीणों के सहयोग से अनुमंडलीय अस्पताल तेघरा लाया गया जहां डॉक्टरों ने बेगूसराय सदर अस्पताल रेफर किया।लोगों ने स्थानीय विधायक राम रतन सिंह को फोन पर सहयोग की मांग की विधायक ने वहां के प्रबंधक को बेहतर इलाज करने का निर्देश दिया।

तत्काल पूर्व सरपंच राकेश कुमार उर्फ महंत के द्वारा रोगी के लिए ब्लड ओ नेगेटिव उपलब्ध करवाने की अश्वासन दी गई है। राजीव के तीन संतान हें बड़ा लड़का 8 वर्ष लड़की 6 और 4 वर्ष की मजदूरी पर निर्भर रहने वाला परिवार आज इलाज और गुजर बसर के लिए तंगहाली भड़ी जिंदगी जीने को मजबूर हें। पत्नी सुलेखा देवी कहती है भगवान गरीबी दे दे लेकिन बीमारी ना दे उन्होंने आलाअधिकारियों व क्षेत्रीय समाजिक संगठनों तथा जनप्रतिनिधियों से उम्मीद जताई है।