न्यूज डेस्क : नावकोठी प्रखण्ड क्षेत्र अन्तर्गत माता सरस्वती की मूर्ति को कलाकारों के द्वारा दिन – रात मेहनत कर बनाया जा रहा है। 05 फरवरी को वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा। इसकी तैयारी प्रखण्ड के विभिन्न स्थानों सहित शैक्षणिक संस्थानों में की जा रही है। बाजार में विभिन्न जगहों पर मां सरस्वती की प्रतिमा बनाने का कार्य किया जा रहा है। अब प्रतिमा बनाने वाले कलाकार प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। वहीं विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थाओं के द्वारा या पूजा समिति के सदस्यों के द्वारा प्रतिमाओं की बुकिंग करवाई जा रही है या पूर्व में ही कराई जा चुकी है।
इस कड़ाके की ठंड में भी कलाकार दिन-रात मेहनत कर मूर्ति को अंतिम रूप दे रहे हैं। मूर्ति बनाने वाले कलाकार कैलाश मालाकार ने बताया कि नावकोठी प्रखण्ड क्षेत्र अन्तर्गत बेगमपुर गांव में मूर्ति बनाता हूँ।उन्होंने कहा कि माता सरस्वती की मूर्ति के अलावे सभी तरह की मुर्तियाँ बनाता हूँ। वहीं नावकोठी सदर के श्याम पंडित ने बताया कि वे ब्लॉक के बगल में किराए पर जमीन लेकर मूर्ति बना रहे हैं।वहीं छतौना के कलाकार राहुल साह ने बताया की उन्हें मिट्टी के अलावा सभी सामान खरीदने पड़ते हैं। हमलोग करीब ढ़ाई महीने से मूर्ति बनाने का कार्य कर रहे हैं। मूर्तिकार कैलाश मालाकार ने बताया की बड़ी मूर्ति बनाने में करीब तीन दिन व छोटी मूर्ति करीब एक दिन में बनाई जाती है।
मूर्ति बनाने के कार्य में पेंटर व सहायक भी लगते हैं। उन्होंने बताया कि प्रतिमाएं आठ सौ से तीन हजार रुपए तक की उपलब्ध हैं। लोग अभी भी आर्डर देने आ रहे हैं। परंतु समय न होने के कारण अब मूर्ति नहीं बना रहे हैं।मूर्तिकार ने बताया कि मेहनत और लागत के अनुसार दाम नहीं मिल पाता है।सरकार के द्वारा भी हमलोगों को कोई सहायता नहीं मिला है।कोरोना के कारण भी मूर्ति कम बिकते हैं। अब सिर्फ प्रतिमाओं को सजाने व आकर्षक रूप देने का कार्य किया जा रहा है।