न्यूज डेस्क : कोरोना वायरस ने मानवीय जीवन यापन पद्धति की सूरत और सीरत दोनों बदल कर रख दिया है। सरकार के द्वारा मानव की जिंदगी बचाने व कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए घर से निकलने से लेकर अंतिम मंजिल तक की यात्रा में गाइडलाइन जारी किया गया है।मांगलिक कार्य, शव यात्रा और श्राद्धकर्म में भाग लेने बाले लोगों की संख्या तय की गई है। ऐसे में लोगों में गाइडलाइन पालन को लेकर जागरूकता आने लगी है।
ऐसी ही एक तस्वीर मंझौल से सामने आई है। जहाँ सत्यारा चौक से निकलकर एसएच 55 होते हुए सिवरी के राजघाट जा रही शव यात्रा तय नियम के मुताबिक करीब 20 लोग ही शामिल हुए । बताते चलें कि मंझौल सत्यारा चौक निवासी लगभग 80 वर्षीय नन्दू सहनी करीब तीन साल से अस्वस्थ चल रहे थे । जिनका देहांत गुरुवार की रात हो गयी । उनके अंतिम यात्रा में शामिल लोगों ने बताया कि आसपास के गांव मोहल्ले के लोग इनके अंतिम यात्रा में शामिल होना चाह रहे थे। परन्तु स्वजनों ने सरकार की गाइडलाइन का हवाला देकर तय संख्या से अधिक लोगों को साथ चलने की अनुमति नहीं दी।
कोरोना को हराने के लिए गाइडलाइन का पालन जरूरी मृतक के स्वजनों ने बताया कि इनके श्राद्धकर्म में भी सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हुए किया जाएगा । जिससे समाज के लोगों में एक सकारात्मक संदेश जा सके । कोरोना के इस जंग में लोगों को अपनी भागीदारी समझने की जरूरत है। तभी कोरोना हारेगा और हमारा देश इस जंग को जीत सकेगा।