डेस्क : पटना जिले के कसहा दियारा में 290 एकड़ ज़मीन को लेकर पुलिस और किसान के बीच शनिवार को हिंसक झड़प हुई। जिसमें पत्रकार राजीव कुमार समेत दोनों पक्षों से करीब दो दर्जन लोग घायल हो गए। बता दें कि इस 290 एकड़ ज़मीन पर एनटीपीसी द्वारा ऐश पौंड का निर्माण विगत तीन दिनों से चालू था । जिसको लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे थे। शनिवार को पटना जिला के कसहा दियारा और बेगूसराय जिले के रामदीरी दियारा के सीमा क्षेत्र में एनटीपीसी बरौनी द्वारा ऐश पौंड का निर्माण कार्य चल रहा था। इस दौरान सैकड़ों किसान अपनी पुश्तैनी ज़मीन को बचाने के लिए धरना-प्रदर्शन कर रहे थे।
तभी वहां मौजूद भारी पुलिस बल संख्या से किसानों की नोक-झोंक शुरू हो गई।जो कि बाद में मामला रोड़ेबाजी तक जा पहुंचा ।किसानों द्वारा रोड़ेबाजी शुरू करने के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर लोगों को खदेड़ना शुरू कर दिया।इसमें जगतपुरा के किसान रंजीत सिंह,पंकज कुमार विजय सिंह, रामदीरी 2 भवानंदपुर के दिनेश सिंह समेत कई अन्य लोग घायल हो गए। गुस्साए किसानों ने निर्माण स्थल स्थित कार्यालय पर रोड़ेबाजी शुरू कर दी ,और वहां मौजूद सीमेंट में आग लगाने की भी कोशिश की। बाद में किसानों की बढ़ती संख्या पुलिस बल पर हावी होकर उनपर रोड़ेबाजी कर उन्हें खदेड़ने लगी।
बता दें कि पुलिस और किसान के बीच यह झड़प करीब 2 घंटे तक चली। इस घटना की सूचना मिलते ही भारी संख्या में पुलिस अधिकारी मोके पर पहुंच मामले का जायजा लिया। इधर, किसानों की आंदोलन को भारतीय मज़दूर संघ(बीएमसी) का साथ मिल गया । बीएमसी के जिला मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि अगर किसानों की मांगो को नहीं माना गया तो बीएमसी किसानों के हक के लिए मोर्चा के साथ मिलकर लड़ेगा।
क्या है विवाद
दरअसल, बरौनी थर्मल एक्सटेंशन प्रोजेक्ट की निर्माण के बाद से ही कसहा दियारा में ऐश पौंड निर्माण के लिए ज़मीनी विवाद चलता ही आ रहा है। पटना हाईकोर्ट में यह विवाद का मामला चल रहा है। किसान इसे अपनी पुश्तैनी ज़मीन बता रहे है, जबकि एनटीपीसी का कहना है कि यह ज़मीन बिहार सरकार के अधीन आती है। वहीं एनटीपीसी का कहना है कि दस वर्ष पहले बरौनी थर्मल वाष्प शक्ति प्रतिष्ठान की 250 मेगावाट क्षमता वाली दो यूनिट के निर्माण के पूर्व अधिकारियों के द्वारा ऐश पौंड की ज़मीन देखी गई थी। और इसे देखने के बाद ही इसके विस्तार के लिए हरी झंडी मिली थी।